BIHAR NEWS : बच्चों की सुरक्षा पर WHO की पहल: ‘हर बच्चे के लिए सुरक्षित देखभाल’ अभियान शुरू

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WHO's initiative on child safety: 'Safe care for every child' campaign launched

बिहार:- 17सितंबर कोWHO द्वारा घोषित विश्व रोगी सुरक्षा दिवस (World Patient Safety Day) की पूर्व संध्या पर पटना के रुबन मेमोरियल अस्पताल में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस प्रेस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य “शुरू से ही रोगी सुरक्षा: हर नवजात और हर बच्चे के लिए सुरक्षित डिलीवरी और देखभाल” सुनिश्चित करने पर जोर देना था।

प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी गई कि आगामी17और18सितम्बर को पटना के होटल मॉर्या में एक कार्यक्रम का आयोजन होगा, इसमें स्वास्थ्य विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और मरीजों के अधिकारों के लिए काम करने वाले लोग शामिल होंगे। इस दौरान श्रीमती नीता कक्कड़ ने कहा कि नवजात और बच्चों की विशेष कमज़ोरियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अनावश्यक नुकसान को रोकने के लिए एक नया वैश्विक अभियान भी शुरू किया जाएगा।


प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि ‘रोगी सुरक्षा’ स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, फिर भी नुकसान पहुँचाने वाली घटनाएं एक बड़ी चिंता बनी हुई हैं। जहाँ नवजात10में से1बच्चे को स्वास्थ्य देखभाल के दौरान नुकसान पहुँचता है, वह कम और मध्यम आय वाले देशों में इसका खतरा और अधिक होता है। ऐसे नुकसान प्रायः असुरक्षित दवाओं, अपर्याप्त देखभाल और गंभीर नवजात स्थितियों के कारण होते हैं।

डॉ. सत्यानंद ने बताया कि सुरक्षित डिलीवरी और उचित देखभाल से नवजात मृत्यु दर को काफी हद तक घटाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि असुरक्षित दवाओं की गलती, संक्रमण, जन्मजात समस्या, और बच्चों की सर्जरी में होने वाली समस्याएं भी बड़ी चुनौती हैं।

कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में, CAHO औरAHPI के अध्यक्ष डॉ. सत्यजीत के. सिंह ने कहा,हर बच्चे को सुरक्षित और अच्छी देखभाल का अधिकार है, लेकिन लंबे समय से उनकी विशेष ज़रूरतों को नजरअंदाज किया गया है। बच्चे केवल ‘छोटे वयस्क’ नहीं।”

उन्होंने बताया कि नवजात को होने वाला बड़ा नुकसान, जो सुरक्षित डिलीवरी से जुड़ा है, टाला जा सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि978तक की गलतियों से बचा जा सकता है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस2025अभियान के चार मुख्य उद्देश्यों के बारे में बताया गया:

1.वैश्विक जागरूकता बढ़ाना: नवजात और बच्चों के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

2.अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय साझेदारी को प्रोत्साहित करना: सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को सुरक्षित देखभाल के लिए स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाने हेतु प्रोत्साहित करना।

3.मरीजों और परिवारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना: माता-पिता और देखभाल करने वालों को अपने नवजात और बच्चों की देखभाल में शामिल होने के लिए सक्षम बनाना।

4.अनुसंधान और नवाचार को मजबूत करना: बच्चों और नवजात की देखभाल में रोगी सुरक्षा पर अनुसंधान और नए समाधान की दिशा में प्रयास बढ़ाना।

डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह ने सभी से सिर्फ बातें करने के बजाय ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा,

भविष्य की पीढ़ी की सुरक्षा हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है। नवजात और बच्चों की सुरक्षा में किया गया निवेश आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा।”

कॉन्फ्रेंस का समापन वैश्विक एकजुटता की अपील के साथ हुआ,जिसमें हर किसी से स्वास्थ्य देखभाल को हर नवजात और बच्चे के लिए सुरक्षित बनाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया गया। इस कॉन्फ्रेंस में रुबन हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार सिंह,
डॉ. संबित दास (सीईओ),डॉ. सतीश चंद्र सिंह (चिकित्सा अधीक्षक)
भी उपस्थित थे।