राजकीय श्रावणी मेला 2025 : देवघर में सावन में स्पर्श पूजा करने वाले श्रद्धालु नर्मदेश्वर महादेव पर करते जलार्पण

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देवघर : बाबानगरी देवघर स्थित पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ में स्पर्श पूजा की जाती है. लेकिन श्रावण मास में अत्यधिक भीड़ उमड़ने के कारण स्पर्श पूजा बंद कर अरघा के माध्यम से जलार्पण कराया जाता है. ऐसे में जिन्हें स्पर्श पूजा करना है वे मंदिर परिसर स्थित नर्मदेश्वर महादेव पर जलार्पण करते हैं.

जानकार बताते हैं जो फल ज्योर्तिलिंग को स्पर्श और जलार्पण करने से मिलता है वही फल नर्मदेश्वर महादेव के पूजा अर्चना से मिलता है. नर्मदेश्वर को छोटा महादेव भी कहते हैं.

गौरतलब है कि प्रत्येक दिन देवघर स्थित पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करने लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुँचने का सिलसिला शुरु हो जाता है. अपार भीड़ के कारण सभी के लिए पवित्र कामना लिंग का जलाभिषेक कर पाना संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में बाबा बैद्यनाथ मंदिर परिसर स्थित नर्मदेश्वर महादेव का जलाभिषेक करना ही एकमात्र विकल्प रह जाता है जिसके जलाभिषेक से वही फल मिलता है जो पवित्र द्वाद्श ज्योतिर्लिंग से मिलता है.

बोल बम और हर-हर महादेव का जयघोष करते श्रद्धालु पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करने देवघर पहुँचते हैं. लेकिन अत्यधिक भीड़ के कारण इनमे से कुछ जलाभिषेक से बंचित रह जाते हैं. ऐसे में विकल्प के तौर पर मंदिर परिसर में नर्मदेश्वर महादेव भी स्थापित हैं. जानकारों के अनुसार जो भक्त किसी कारणवश पवित्र ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक नहीं कर पाते हैं वो नर्मदेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर भी पुण्य के भागी बन सकते हैं.

देवघर मंदिर परिसर में मुख्य ज्योर्तिलिंग के अलावा नर्मदेश्वर महादेव,हनुमान और ब्रह्मा मंदिर में शिवलिंग स्थापित है. मुख्य मंदिर के उत्तर दिशा में नर्मदेश्वर महादेव विराजमान हैं. इसके अलावा बजरंग बली मंदिर में धनकुबेर महादेव के रूप में शिवलिंग स्थापित है. इस शिवलिंग में पूजा अर्चना करने से भी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इसके अलावा ब्रह्मा मंदिर में पंचरुखी शिवलिंग स्थापित है जिसका जलाभिषेक कर ज्योर्तिलिंग के बराबर पुण्य के भागी बन सकते हैं. बाबाधाम के तीर्थ पुरोहित भी सभी स्थानों पर जलाभिषेक करते हैं.

किसी शिवधाम में एक से अधिक शिवलिंग शायद ही पाये जाते हैं लेकिन देवघर मंदिर परिसर में चार शिवलिंग स्थापित है. नर्मदेश्वर महादेव के अलावा यहाँ पंचमुख शिवलिंग भी विराजमान हैं जिन्हें ब्रह्मा के रुप में जाना जाता है यह रुद्र हैं और अग्नि कुण्ड में इनका स्थान माना जाता है. वहीं धनकुबेर शिवलिंग हर मनोकामना को पूर्ण करने वाले हैं. बैद्यनाथधाम की यही सब विशेषतायें इसे अन्य शिवधाम से अलग बनाती है.