JHARKHAND NEWS : टेट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज शिक्षकों ने किया राजभवन मार्च, पीएम के नाम राज्यपाल को सौंपा मांग पत्र

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रांची : 20 सितंबर को शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के पहले से नियुक्त शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास करने को अनिवार्य करने, पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने की स्थिति में सेवा से मुक्त करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से झारखंड के शिक्षक खासे नाराज और आहत हैं, एक सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले से राज्य के लगभग पैंतीस हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक के बैनर तले राज्य के विभिन्न जिलों ने कोर्ट कंपाउंड रांची से राजभवन तक राजभवन मार्च किया. सभा की और राज्यपाल को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन समर्पित किया.

राज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री को दिए गए इस मांग पत्र में संघ ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एन सी टी ई) के2010की अधिसूचना में यह व्यवस्था दी गई है कि अधिसूचना निर्गत की तिथि से पूर्व के नियुक्त सेवारत शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा की अर्हता प्राप्त करने की जरूरत नहीं है,संघ ने कहा कि जब विधायिका ने इतनी सुस्पष्ट व्यवस्था पहले दी है तब सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसके विपरीत दिया गया फैसला चुनौती देने योग्य है,इसलिए संघ ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि भारत सरकार कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करे और आर टी ई कानून में आवश्यक व्यवस्था अंकित करने के लिए संशोधन की कार्रवाई करे,राजभवन मार्च में हजारों की संख्या में शिक्षक और शिक्षकाएं शामिल हुए.

मालूम हो प्रदेश कार्य समिति के आह्वान पर लिए गए निर्णय के आलोक में राजभवन का मार्च किया गया. महासचिव राम मूर्ति ठाकुर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के शिक्षक इस विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे मुहिम केसाथकामकरेंगे.

रांची से नैयर की रिपोर्ट--