JHARKHAND NEWS : देवघर स्थित अजय बराज परियोजना के जीर्णोद्धार हेतु सरकार के पास फंड नहीं, केंद्र से फंड उपलब्ध कराने का आग्रह
देवघर : जिले के सिकटिया अजय बराज परियोजना आज 50 साल से अधूरा है. चार फेज में बनने वाला बराज में अभी पहला फेज का काम चल ही रहा है. बराज के जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण के लिए दूसरे फेज का काम शुरु करना है. लेकिन झारखंड सरकार के पास इसके लिए उचित फंड नहीं है. फंड के लिए सरकार ने केंद्र से मदद मांगी है. ऐसी परियोजना के लिए केंद्र सरकार किसी भी राज्य सरकार को या तो नाबार्ड के माध्यम से या फिर ADB (Asian डेवलपमेंट बैंक) से फंड उपलब्ध करवाती है. ADB केंद्रीय जल आयोग की अनुशंसा पर ही राज्य सरकार को फंड देती है. इसी को लेकर आज CWC यानी केंद्रीय जल आयोग की एक टीम सिकटिया स्थित अजय बराज परियोजना का जायजा लिया.
Cwcके चेयरमैन डॉ. मुकेश कुमार सिन्हा अपनी टीम के साथ अजय बराज परियोजना का जायजा लिया. स्थानीय स्तर पर जल संसाधन विभाग के वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे. अजय बराज का जायजा और निरीक्षण के बादcwcके चेयरमैन संतुष्ट हुए की वाकई इसके जीर्णोद्धार के लिए फंड की आवश्यकता सरकार को है. चेयरमैन द्वाराADBसे झारखंड सरकार को फंड मुहैया करवाने की अनुशंसा की जाएगी. इसके अलावा सेकंड फेज मेगा लिफ्ट परियोजना के लिए भी अनुशंसा की जाएगी.
अजय नदी पर बना सिकटिया बराज या अजय बराज परियोजना एक बहुउद्देश्यीय परियोजना है. इसके तहत पेयजलापूर्ति,सिंचाई,मत्स्य पालन कर सैकड़ो गांव के लोग लाभ ले रहे हैं. दूसरे फेज में सरकार को इसके जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण के लिए 275 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. उम्मीद हैADBजल्द झारखंड सरकार को फंड उपलब्ध करा देगी. इसके बाद विभाग द्वारा लगभग 35 किलोमीटर तक बराज का जीर्णोद्धार का काम शुरू हो जाएगा. इसमें 600 गांव के किसानों को लाभ मिलेगा.
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