JHARKHAND NEWS : मो. रफी की 45वीं पुण्यतिथि पर "एक शाम रफी के नाम"—सुरों से सजी एक यादगार शाम
मधुपुर : संगीत के बेताज बादशाह, आवाज़ के जादूगर मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि देने के लिए मधुपुर की फिज़ा उस शाम सुरों और जज़्बातों से सराबोर हो उठी. पैग़ाम मधुपुर के बैनर तले दत्ता चेरिटेबल ट्रस्ट परिसर में आयोजित सांस्कृतिक संध्या "एक शाम रफी के नाम" ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया.
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मंत्री प्रतिनिधि अकदस हसन, समाजसेवी अरुण गुटगुटिया, झामुमो नगर अध्यक्ष अल्ताफ हुसैन, कांग्रेस नेत्री शबाना खातून एवं प्रसाद चटर्जी ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया.
जैसे ही मंच पर प्रसिद्ध गायक मोहम्मद मुन्ना, मिन्नहाज राही और स्वरकोकिला नंदिता ने रफी साहब के सदाबहार नगमों को अपनी आवाज़ दी, सभागार तालियों और भावनाओं की गूंज से भर उठा. "चौदहवीं का चाँद", "तेरी बाँहों में मर जाएँ हम", "अभी ना जाओ छोड़ कर" जैसे गीतों ने श्रोताओं की आँखों को नम कर दिया. लता-रफी के युगल गीतों ने पुराने दौर की मधुर यादों को जीवंत कर दिया.
कार्यक्रम में शहर के कई प्रतिष्ठित अतिथि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे. इनमें समाजसेवी घनश्याम,मोती सिंह,पंकज पीयूष,कन्हैयालाल कन्नू,श्याम व शबाना समेत बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी शामिल हुए.
कार्यक्रम का सफल संचालन राजेश कुमार ने किया,जबकि आयोजन को सफल बनाने में पैग़ाम के अध्यक्ष राजू,उपाध्यक्ष फेकू,सचिव राशिद खान,प्रिंस समद,एजाज,अनूप समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं की सराहनीय भूमिका रही.
कार्यक्रम का हर पल रफी साहब की स्मृतियों को समर्पित था— एक ऐसी आवाज़ जिसे न वक़्त मिटा सका, न फासले. मधुपुर ने एक बार फिर यह साबित किया कि रफी केवल नाम नहीं, एहसास हैं… जो दिलों में गूंजते हैं.