BIG NEWS : IIM बोधगया ने लगायी लंबी छलांग, NIRF रैंकिंग में पहुंचा 33वें स्थान पर, छात्रों और प्रोफेसर्स में खुशी की लहर
BODHGAYA :बिहार ऐतिहासिक राज्य होने के साथ ही ज्ञान की भूमि के रूप में प्रसिद्ध है। नालंदा और विक्रमशिला जैसे अपने प्राचीन विश्वविद्यालयों के लिए प्रसिद्ध बिहार की विरासत को IIM बोधगया जैसे संस्थानों द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है, जो उच्च शिक्षा में राज्य की छवि को बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
IIM बोधगया ने लगायी लंबी छलांग
NIRF 2024 में प्रबंधन श्रेणी के तहत IIM बोधगया ने 2023 में 53वें रैंक से महत्वपूर्ण 20 रैंक की छलांग लगाते हुए 33वां स्थान हासिल करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। NIRF का लक्ष्य संस्थानों की रैंकिंग के लिए एक व्यापक और मानकीकृत ढांचा प्रदान करके उच्च शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और नैतिकता लाना है, यह छात्रों और अभिभावकों को वस्तुनिष्ठ मापदंडों के आधार पर सूचित निर्णय लेने में सहायता करता है।
यह उपलब्धि विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि यह IIM बोधगया को भारत के शीर्ष 50 प्रबंधन संस्थानों में स्थान पाने वाला बिहार का एकमात्र संस्थान बनाती है। बिहार के अन्य संस्थान जैसे एम्स पटना (मेडिकल श्रेणी में 26वें स्थान) और आईआईटी पटना (इंजीनियरिंग श्रेणी में 34वें स्थान) ने समग्र श्रेणी में क्रमशः 99वें और 73वें स्थान पर रहते हुए शीर्ष 100 की सूची में जगह बनाई है।
NIRF रैंकिंग में पहुंचा 33वें स्थान पर
IIM बोधगया निदेशक प्रो. विनीता एस. सहाय के नेतृत्व में आईआईएम बोधगया ने उत्कृष्टता, सामाजिक सेवा और कौशल उन्नति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में उल्लेखनीय प्रगति की है। समग्र विकास, नवीन शिक्षण विधियों और उद्योग सहयोग पर उनके जोर ने प्रबंधन शिक्षा के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है, जिससे विभिन्न जागरूक लीडरर्स का सृजन हुआ।
IIM बोधगया कैंपस में 26 से अधिक राज्यों के 1400 से अधिक छात्र 5 पूर्ण आवासीय कार्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं, जो इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आईपीएम), एमबीए, एमबीए-डिजिटल बिजनेस मैनेजमेंट (डीबीएम), एमबीए- हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर मैनेजमेंट (एचएचएम) और पीएचडी हैं। स्टेट-ऑफ़-द-आर्ट सुविधाओं एवं कैंपस के साथ यह विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। हाल ही में संस्थान ने अपने एमबीए पाठ्यक्रमों के लिए फाइनल के साथ-साथ ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम में 100% प्लेसमेंट हासिल की।
आईआईएम बोधगया की सामाजिक सेवा और कौशल उन्नति के प्रति प्रतिबद्धता स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई विभिन्न पहलों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। संस्थान नियमित रूप से कार्यशालाएं, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सामुदायिक आउटरिच और प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) आयोजित करता है, जो बिहार के युवाओं के लिए कौशल बढ़ाने और अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है।
उत्कृष्टता और सामाजिक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ संस्थान भविष्य के भावी लीडर्स को आकार देने के साथ-साथ बिहार की वृद्धि और विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
(बोधगया से मनोज सिंह की रिपोर्ट)