गढ़वा में अब होगी काजू की खेती : डंडई के किसान ने बंजर भूमि पर खेती कर किया इसका सफल प्रयोग

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garhwa mai ab hogi kaaju ki kheti

गढ़वा : झारखंड का गढ़वा कृषि आधारित जिला है. यहां के किसान मौसम के अनुसार खेती करते हैं. लेकिन अब किसान परंपरागत खेती को छोड़कर नई खेती को अपना रहे हैं. जिले का एक किसान अब काजू की खेती में लगे हुए हैं. लेकिन नीलगाय के आतंक से किसानों को परेशानी हो रही है.

बता दें कि जिले के डंडई के एक छोटा किसान ने बंजर पड़ी भूमि पर काजू की खेती कर इसका सफल प्रयोग किया है. किसान के द्वारा करीब 7 वर्ष पहले काजू की 20 पौधे लगाये गये थे. जिसमें से 12 पौधे फल देने योग्य हो चुका है. हालांकि किसान के द्वारा पौधे का संरक्षण हेतु खेत के किनारे किनारे बाड़ या गढ़वाल नहीं बनाया गया है .फिर भी काजू के पौधे लहलहा रहा है. और फल भी दे रहा है. खुले एरिया की वजह से किसान द्वारा लगाये गये 20 में से लगभग 12 पौधे ही शेष बचे हुए हैं. फिर भी किसान के द्वारा काजू की उपज बढ़ाने और उसकी देखभाल हेतु सुबह-शाम निगरानी किया जा रहा है.

काजू की खेती को देखभाल कर रहा किसान ने बताया कि पिताजी के द्वारा काजू की 20 पौधे लगाया गया था. इस बंजर पड़े भूमि में काजू की खेती का परीक्षण के उद्येश्य से उन्होंने लगाया था. आज फल देने लायक हो चुका है. उन्होंने बताया कि 10 से 15 किलोग्राम प्रति सप्ताह काजू का दाना निकलता है. किसान ने अनुमान लगाते हुए कहा है कि यदि अच्छी फसल लगी तो काजू की 10 पौधों से लगभग 10 से 15 किलोग्राम प्रति सप्ताह का अर्निंग किया जा सकता है. किसान ने बताया कि मैं गरीब परिवार से संबंध रखता हूं इसलिए मेरे पास इतने पैसे नहीं कि खेती को और बेहतर तरीके से उगा सकूं.

बताया गया कि काजू की खेती को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार इस पर काम कर रही है. पर किसानों को इसकी खेती के प्रति जागरुक नहीं किया जा रहा. यदि काजू की खेती को उगाने के लिए सरकार की ओर से प्रेरित किया जाता है तो डंडई प्रखंड क्षेत्रों में यह खेती बड़े पैमाने पर हो सकती है. और छोटे-छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक होने लगेगा.

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