देवघर में 11 बेटियों का दहेज रहित हुई शादी : सभी रीति रिवाज और विधि विधान से विवाह संपन्न, समाज के लिए एक नया संदेश

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देवघर : बाबानगरी देवघर के एक धर्मशाला में एक ही मंडप के नीचे 11 लड़कियों का सामूहिक विवाह हुआ. दरअसल राष्ट्रीय कनौजिया सोनार महापरिवार की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह में समाज के ही गरीब तबके की बेटियों के लिए महापरिवार की ओर से शादी का आयोजन किया गया.


प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय कनौजिया सोनार महापरिवार द्वारा अपने समाज की निर्धन बेटियों की दहेज रहित शादी कराई जाती है. इस वर्ष अभी तक 38 बेटियों की शादी हो चुकी है जिसमें यह 11 भी शामिल है. यह बेटियां झारखंड,बिहार,बंगाल के विभिन्न जिलों में रहती है जिनकी शादी झारखंड , बिहार और बंगाल के ही विभिन्न जिलों के रहने वाले लड़का से हुई है.


देवघर के एक धर्मशाला में आयोजित शादी में वर और वधू पक्ष के लोगों के अलावा स्थानीय लोग भी शामिल हुए. एक साथ 11 लड़कियों का कन्यादान देखने वालों की भीड़ उमर पड़ी. सभी रीति रिवाज और विधि विधान से शादी को संपन्न कराया गया. किसी शादी में एक बाप की ओर से दी जाने वाली अपनी बेटियों के लिए तरह-तरह के सामान को ठीक उसी तरह यहाँ भी महापरिवार की ओर से भी दिया गया. पलंग,विछावन, घरेलु बर्तन इत्यादि के अलावा जेवरात दिए गए. महापरिवार के केंद्रीय अध्यक्ष अजय बर्मन ने बताया कि बहुत खुशी होती है कि हमारे समाज की लड़के और उनके परिवार के लोग दहेज रहित शादी करने के लिए खुशी खुशी तैयार हो जाते हैं. यही कारण है कि इस वर्ष 38 शादियां हुई है. आगामी वर्ष इस संख्या को बढ़ाकर 51 किया जाएगा. गौरतलब है कि खाने पीने, बारातियों का ठहरने और उनकी सभी सुविधाओं का ख्याल एवं लड़का लड़की का सारा खर्च महा परिवार की ओर से किया जाता है.

ऐसा देखा गया है कि दहेज के कारण कईयों की शादी टूट जाती है तो कई शादी के बाद ससुराल वालों के प्रताड़ना के शिकार हो जाती हैं. इन सबसे हटकर एक विशेष समाज द्वारा दहेज रहित खुशी-खुशी हुई. यह सामूहिक शादी अन्य समाज के लोगों के लिए एक सीख है जो बिना दहेज के अपने बेटों की शादी नहीं करते हैं.