BIT सिंदरी के छात्रों ने बनाया स्मार्ट हेलमेट : हादसा होते ही हेलमेट एंबुलेंस, परिजनों व अस्पतालों को करेगी सूचित

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bit sindari ke chhatron ne banaya smart helmet

धनबाद:भारत में सड़क हादसों से होने वाली मौतों का आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. बाइक से हो रही दुर्घटनाओं की वजह से मौतों के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है.इनमें अधिकांश मौतें बाइक चालकों के हेलमेट नहीं पहनने के कारण होती है. सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने के लिए बीआईटी सिंदरी के प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग के छात्र सैयद अदनान अहमद ने अपनी टीम के साथ एक क्रांतिकारी तकनीक स्मार्ट हेलमेट विकसित की है. स्मार्ट हेलमेट न केवल सिर को गंभीर चोटों से बचाएगा. बल्कि हादसा होते ही स्वचालित रूप से एंबुलेंस,परिजनों व अस्पतालों को सूचित करेगा. इससे त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जा सकेगी. हेलमेट का नाम वऊ हैलम है.

टीम लीडर अदनान अहमद ने बताया कि इस इनोवेटिव हेलमेट डिवाइस को स्टार्टअप वऊ हैलम के तहत विकसित किया गया है. हेलमेट में अत्याधुनिक सेंसर और जीपीएस लगे हैं. जो दुर्घटना की स्थिति का तुरंत पता लगाते हैं. हादसा होते ही यह डिवाइस5किलोमीटर की दायरे में मौजूद एंबुलेंस,परिजनों और नजदीकी अस्पतालों को अलर्ट भेज देती है. जिससे घायलों को शीघ्र चिकित्सा सहायता मिल सके. वऊ हैलम का स्मार्ट हेलमेट रियल टाईम लोकेशन और ट्रैफिक अपडेट भी साझा करता है. इससे एंबुलेंस तेजी से मौके पर पहुंच सके.

वहीं बीआइटी सिंदरी के निदेशक पंकज राय ने बताया कि छात्रों के द्वारा बनाए जा रहे हैं हेलमेट से लोगों को जान बचाने के साथ-साथ समय पर इलाज मुहैया करना परिजनों को जानकारी पहुंचाना है. इससे बढ़ते सड़क दुर्घटना में जान गवाने वालों की संख्या कम होगी. हमलोगों ने इस हेलमेट को बहुत जल्द सरकार के सहयोग से कम कीमत में बाजार में लाने की कोशिश में हैं ताकि आसानी से आम लोग भी इसे खरीद सकेंगे. वहीं अदनान अहमद की टीम में दर्शी जैन (बीबीए),विवेक तिवारी (सीएसई),हर्ष कुमार (मेकेनिकल) तथा मनोसर झा (ईसीई) शामिल हैं. बीआईटी सिंदरी के इनोवेशन और इनक्यूवेशन सेंटर ने इस स्टार्टअप वऊ हैलम को निबंधित किया है.

धनबाद से कुंदन कुमार की रिपोर्ट----

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