BIHAR NEWS : बकरी पालन से नया स्वरोजगार, कृषि क्षेत्र में आर्थिक मजबूती और आय का महत्वपूर्ण स्रोत

PATNA : बकरी पालन बिहार के ग्रामीण इलाकों में एक सशक्त स्वरोजगार के रूप में उभर रहा है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है। मटन और दूध उत्पादन में बिहार का देशभर में चौथा स्थान है और बकरी पालन किसानों के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत बन चुका है। यह बातें बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री, रेणु देवी ने पटना स्थित एक कार्यशाला में कही। इस कार्यशाला का उद्घाटन मंत्री रेणु देवी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया, इस अवसर पर पशुपालन विशेषज्ञों और अनुभवी किसानों ने बकरी पालन के आधुनिक तरीकों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर चर्चा की। रेणु देवी ने कहा कि बकरी पालन को संगठित बाजार तंत्र और आधुनिक तकनीकों से जोड़कर बकरीपालकों की आय बढ़ाने और स्थिर आजीविका सुनिश्चित करने के लिए विभाग प्रयासरत है।
मंत्री ने बताया कि बिहार में वित्तीय वर्ष 2004-05 में 176 हजार टन मांस का उत्पादन हुआ करता था, जो अब बढ़कर 2023-24 में 404.30 हजार टन हो गया है। राज्य सरकार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए समेकित बकरी और भेड़ विकास योजना के तहत बकरी फार्मों की स्थापना पर 50-60 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान कर रही है, इस पहल के माध्यम से राज्य के लोग बकरी पालन के व्यवसाय से जुड़कर स्वरोजगार पा रहे हैं। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने कहा कि भारत दूध उत्पादन में पहले स्थान पर है और बकरी पालन में दूसरे स्थान पर है। बिहार पूरे भारत में बकरी पालन में चौथे स्थान पर है, और विभाग का लक्ष्य इसे पहले स्थान तक पहुंचाना है।
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में दूध, मांस, अंडा, मछली आदि से संबंधित उत्पादों का उत्पादन सालाना लगभग 90 हजार करोड़ रुपये का कारोबार करता है, जो राज्य की जीएसडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इस कार्यशाला में पशुपालन निदेशालय के निदेशक नवदीप शुक्ला, अपर निदेशक डॉ. रजनी रमण श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक डॉ. अरविंद कुमार और डॉ. सुनील कुमार ठाकुर भी मौजूद थे।