अब क्वारेंटीन सेंटर जाने की जरूरत नहीं, स्वघोषणा पत्र देकर घर पर भी रह सकते आइसोलेट, सभी डीएम व सीएस को स्वास्थ्य विभाग का निर्देश जारी

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PATNA : जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है वैसे-वैसे लग रहा है कि हम कोरोना से लड़ाई के प्रति उतने गंभीर रह नहीं गए हैं। पहले जांच के नियम बदले और अब क्वारेंटीन सेंटर में क्वारेंटीन रहने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। मतलब यह कि आप एक स्वघोषणा पत्र भरिए और घर पर आइसोलेशन अवधि पूरी कीजिए।

ऐसे में आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि हम कोरोना से लड़ने के प्रति कितने गंभीर हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सरकार के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को जारी निर्देश में कहा है कि जो लोग होम क्वारेंटीन रहना चाहते हैं उनसे विहित प्रपत्र में घोषणापत्र अवश्य ले लें।

घोषणा पत्र और लोकेश कुमार सिंह के पत्र से ऐसा लगता है कि अब अप्रवासी मजदूरों और छात्रों को क्वारेंटीन सेंटर जाने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। अगर वे चाहें तो घर में भी आइसोलेशन में रह सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक स्वघोषणा पत्र भरना होगा जिसमें कहा गया है कि मैं आइसोलेशन की नियमों का सख्ती से पालन करूंगा और कोविड-19 के लक्षण दिखने पर तुरंत सूचित करूंगा। अगर मैंने नियम तोड़ा तो कानून के तहत कार्रवाई के लिए भी मैं स्वयं उत्तरदयी हूंगा।

इस फॉर्म को भरकर अब अगर आप चाहें तो घर पर भी आइसोलेशन अवधि पूरी कर सकते हैं। हालांकि होम क्वारेंटीन को लेकर सरकार के कड़े दिशा-निर्देश हैं और इसका पालन ना करने पर कानी कार्रवाई भी हो सकती है। साथ ही साथ आइसोलेशन के गाइडलाइन का भी पूरा-पूरा पालन करना होगा। इस घोषणापत्र से लोग यही कयास लगा रहे हैं कि अब क्वारेंटीन सेंटर जाने की जरूरत नहीं है।

अगर आप चाहें तो घर पर भी आइसोलेशन में 21 दिन की अवधि पूरी कर सकते हैं। हालांकि आपका पूरा डिटेल स्वास्थ्य विभाग के पास रहेगा और समय-समय पर फोन से आपके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जाती रहेगी। यानी कि आपपर स्वास्थ्य विभाग पूरी निगरानी रखेगा और समाज को कोरोना से बचाने के निर्देश का आपने उल्लंघन किया तो आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत कार्रवाई भी हो सकती है।