उद्योग विभाग, बिहार की ऐतिहासिक उपलब्धि : पीएमएफएमई योजना में देशभर में बिहार को प्रथम स्थान
पटना : प्रधानमंत्री माइक्रो फूड इंडस्ट्री प्रोसेसिंग योजना (PMFME) के क्रियान्वयन में उद्योग विभाग, बिहार ने वर्ष 2024-25 में पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है. इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा बिहार की सराहना की गई है. इस संबंध में मंत्रालय के सचिव डॉ. सुभ्रत गुप्ता द्वारा बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा को एक पत्र जारी किया गया है. पत्र में उल्लेख किया गया है कि बिहार ने पूरे देश में वार्षिक प्रदर्शन में पहला स्थान प्राप्त किया है.
आंकड़ों के अनुसार,वर्ष2024-25में बिहार को11,000इकाइयों का लक्ष्य दिया गया था,जिनमें से10,270इकाइयों को स्वीकृति दी गई. इसके पहले वर्ष2023-24में विभाग ने6,516इकाइयों के लक्ष्य के विरुद्ध10,284इकाइयों को स्वीकृति प्रदान कर158%लक्ष्य प्राप्त किया था,जो कि राष्ट्रीय स्तर पर एक उल्लेखनीय प्रदर्शन है.
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस उपलब्धि पर अत्यंत संतोष और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता बिहार की खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि आधारित उद्योगों में निहित संभावनाओं का प्रमाण है. मखाना,लीची,आम जैसे विशेष उत्पादों के साथ-साथ धान और गेहूं जैसी मुख्य फसलों में भी बिहार की स्थिति सुदृढ़ है. बिहार मखाना,मशरूम और लीची उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है,जबकि आलू,आम और मक्का उत्पादन में तीसरे स्थान पर है.
मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस उपलब्धि को नीतिगत प्रतिबद्धता, समुदाय आधारित रणनीति और जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्यान्वयन का परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों, जन-जागरूकता अभियानों और योजनाबद्ध प्रयासों के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे और वंचित तबकों से आने वाले उद्यमियों को जोड़ा गया, जिससे बिहार ने बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि अर्जित की.
उद्योग विभाग द्वारा योजना के तहत एक समग्र एवं एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया गया,जिसमें सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को ऋण सुविधा,तकनीकी सहायता,क्षमता निर्माण और बाज़ार से जोड़ने जैसे महत्वपूर्ण घटकों को प्राथमिकता दी गई. एसपीएमयू टीमों,जिला संसाधन व्यक्तियों (DRPs),वित्तीय संस्थानों और जमीनी कार्यान्वयन एजेंसियों के बीच सटीक समन्वय से योजना की पहुँच और प्रभाव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
यह उपलब्धि बिहार सरकार के उद्योग विभाग के प्रतिबद्ध प्रयासों और सुचारू कार्यान्वयन की सशक्त पहचान है.