पलामू में सेवा अधिकार सत्पाह की शुरुआत : वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा-अब राज्य में कोई ठेकेदार मनमाने ढंग से बोली नहीं लगा पाएगा

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पलामू : झारखंड के पलामू में शुक्रवार को राज्यव्यापी सेवा अधिकार सप्ताह की शुरुआत की गई. जिले के शहीद नीलांबर–पीतांबर के शहादत स्थल से इसकी शुरुआत हुई. कार्यक्रम का शुभारंभ करने खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पलामू आने वाले थे. लेकिन अपरिहार्य कारणों से वो यहां नहीं आ सके. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की.

गुरुवार देर शाम सरकार ने ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ अभियान का नाम बदलकर ‘सेवा अधिकार सप्ताह’ कर दिया. कार्यक्रम में पलामू डीसी समीरा एस, एसपी रीष्मा रमेशन, डीएफओ सत्यम कुमार, डीडीसी जावेद हुसैन समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.

पलामू के लेस्लीगंज में आयोजित सेवा अधिकार सप्ताह के कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने साफ कहा कि अब राज्य में कोई ठेकेदार मनमाने ढंग से बोली नहीं लगा पाएगा. नई व्यवस्था में न्यूनतम बोली सिर्फ 10% तक ही नीचे जाने की अनुमति होगी. मंत्री का दावा है कि कई योजनाओं में बेहद कम बोली लगने से काम की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होती है. झारखंड में टेंडर प्रक्रिया से जुड़े नियम बहुत जल्द बदल सकते हैं. ये घोषणा खुद राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पलामू में सेवा अधिकार सप्ताह के उद्घाटन के दौरान की है.

मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने एक उदाहरण साझा करते हुए बताया कि उनके ही विधानसभा क्षेत्र की 75 लाख की योजना पर ठेकेदार ने 48% कम पर बोली लगा दी. मंत्री ने कहा कि "ऐसे में काम कैसा होगा,आप खुद समझ सकते हैं…इसलिए पूरे राज्य के टेंडर नियमों में बदलाव बेहद ज़रूरी है."

इसी कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार पर भी बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र,नवंबर तक मिलने वाले 30 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी नहीं कर रहा. जल–नल योजना के लिए 12,600 करोड़ का प्रावधान था जिसमें से राज्य 6,300 करोड़ दे चुका है,लेकिन केंद्र ने अपनी हिस्सेदारी देने से इंकार कर दिया है. वित्त मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी भरे लहज़े में कहा कि यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है,इसलिए काम में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कार्यक्रम में स्थानीय विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने भी प्रशासन पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि "अंचल अधिकारी चाय तो पिलाते हैं…लेकिन काम नहीं करते." विधायक ने मनातू में 3 साल से बीडीओ न होने,तरहसी में सीओ की कमी और धान खरीद शुरू न होने जैसे कई मुद्दे उठाए.

आपको बता दें कि सेवा अधिकार सप्ताह की शुरुआत शहीद नीलांबर-पीतांबर की शहादत स्थल से की गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे लेकिन उनका दौरा स्थगित हो गया. उनकी जगह वित्त मंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत की. तो झारखंड में टेंडर नियम बदलने जा रहे हैं गुणवत्ता बढ़ेगी या ठेकेदारों की दिक्कतें? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिल जाएगा.

पलामू से नितेश तिवारी की रिपोर्ट--