महात्मा गांधी की 76 वीं पुण्यतिथि : चाईबासा में कांग्रेस जनों ने राष्ट्रपिता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें दी श्रद्धांजलि
चाईबासा : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर चाईबासा स्थित कांग्रेस भवन में कांग्रेसियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी है. इस मौके पर मंगलवार को बापू के तस्वीर के समक्ष लोगों ने 2 मिनट का मौन रखकर प्रार्थना की. वहीं महात्मा गांधी के विचारों पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया.
इस अवसर पर कांग्रेसियों ने एक स्वर में कहा कि महात्मा गांधी की काया नहीं है,लेकिन उनके विचार ऐसे हैं,जो अभी भी अमर हैं. गांधी एक राजनीतिज्ञ थे,जिन्होंने देश में स्वतंत्रता की लड़ाई आने वाली पीढ़ियों के लिए लड़ा. इनके संघर्ष का औजार सत्य और अहिंसा था. उन्होंने कहा कि सत्य को इन्होंने भगवान माना और अहिंसा इनका अस्त्र था. उनका प्रिय भजन वैष्णव जन को जिसका मतलब है कि अच्छा इंसान वही होता है,जो दूसरे की पीड़ा को समझता हो. हमें गांधी का अनुयायी बनना है. उनके आदर्शों पर चलना है. आजादी की लड़ाई में जितनी आवश्यकता महात्मा गांधी की थी,उनके विचारों-आदर्शों की ज्यादा जरुरत आज महसूस होती है.
ईश्वर अल्ला तेरे नाम,सबको सनमति दे भगवान,महात्मा गांधी का यह संदेश आज भी अत्यधिक प्रासंगिक है.
गांधी के विचारों पर व्याख्यान देते हुए आगे कांग्रेसियों ने कहा कि पहले बापू बने, फिर महात्मा बने और फिर राष्ट्रपिता बने. उनका असहयोग आंदोलन चम्पारण से अंग्रेजों के खिलाफ अत्याचार का सबसे बड़ा आंदोलन बना था. नमक सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन ने अंग्रेजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. गांधी के द्वारा चलाया गया आंदोलन काफी अनुशासित था और ब्रिटिश सरकार जो कि उस समय दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र उनके खिलाफ अहिंसा के ताकत लड़ना सदी के सबसे बड़ा आंदोलन का हथियार बना.
इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास , कांग्रेस नेता त्रिशानु राय , जितेन्द्रनाथ ओझा , कैरा बिरुवा , रंजीत यादव , डॉ. नंदलाल गोप , लियोनार्ड बोदरा , दिकु सावैयां , संतोष सिन्हा , गुरुचरण सोनकर , यशवीर बिरुवा , सकारी दोंगो , महिला नेत्री अनिता सुम्बरुई , जामबी कुदादा , जया सिंकु , जगदीश सुंडी , क्रांति प्रकाश , सुरेश सावैयां , जुरिया बोयपाई , विक्रमादित्य सुंडी , शरण पान , गणेश कोड़ाह , सिद्धेश्वर कालुण्डिया , सुशील दास , फरदीन करीम आदि उपस्थित थे.
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