JHARKHAND NEWS : चाकुलिया में विधायक समीर मोहंती, कुणाल षाड़ंगी एवं डॉ. संजय कुमार ने PureSum के नए प्लांट का किया उद्घाटन
जमशेदपुर : चाकुलिया में बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी एवं न्यूरो सर्जन डॉ. संजय कुमार ने संयुक्त रूप से प्राकृतिक संपदा को सुरक्षित करने और मानव जीवन को सशक्त बनाने की ओर कदम बढ़ाते हुए PureSum के नए प्लांट का उद्घाटन किया. इस मौके पर puresum के COO सहित प्रमुख चिकित्सक डॉ. संजय कुमार उपस्थित रहे.
PureSum ने अपने विस्तार के हिस्से के रूप में झारखंड के चाकुलिया में एक नई CFOM उत्पादन सुविधा की नींव रखी है. यह प्लांट रणनीतिक रूप से 20,000 मवेशियों के लिए एक आश्रय के साथ एकीकृत है, जो एक बंद लूप सिस्टम बनाता है जहाँ गाय के गोबर को प्रीमियम जैविक खाद में परिवर्तित किया जाता है. 100 टन प्रति माह की लक्षित उत्पादन क्षमता के साथ यह सुविधा स्थानीय समुदायों के लिए स्थिर रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करेगी, जिससे PureSum के ग्रामीण सशक्तिकरण के मिशन को और मजबूती मिलेगी.
PureSumएक अग्रणी सामाजिक उद्यम,झारखंड भर में सीमांत और आदिवासी किसानों को सशक्त बनाते हुएगाय के गोबर को उच्च मूल्य वाले जैविक उत्पादों में बदलकर ग्रामीण कृषि में क्रांति ला रहा है. प्राकृतिक खेती,नवीन जैव उत्पादों और किसान शिक्षा को एकीकृत करके, PureSumएक आत्मनिर्भर कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे रहा है जो मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाता है,फसल की पैदावार में सुधार करता हैऔर सिंथेटिक/रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता को कम करता है.
PureSumबायोप्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ अरविंद त्रिपाठी के नेतृत्व मेंसंगठन नेLCBफर्टिलाइजर्स के साथ फसल-विशिष्ट किण्वित जैविक उर्वरक (CFOM)पेश करने के लिए साझेदारी की है- पुनर्योजी खेती में एक सफलता.
CFOMनृपेंद्र त्रिपाठी औरCMOतथा संजय सिंहCOOके रूप में,अक्षय श्रीवास्तव -CEO LCBफ़र्टिलाइज़र्स ज्ञान और नवाचार के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना.
PureSumसिर्फ़ बायोप्रोडक्ट्स का निर्माता नहीं है - यह ग्रामीण भारत में बदलाव के लिए उत्प्रेरक है. कंपनी सक्रिय रूप से सीमांत,छोटे और आदिवासी किसानों को स्थायी खेती की तकनीकों में प्रशिक्षित और शिक्षित करती है,उन्हें प्राकृतिक और रसायन मुक्त खेती में बदलाव के लिए कौशल और संसाधनों से लैस करती है. ऑन-ग्राउंड प्रशिक्षण कार्यक्रमों,कार्यशालाओं औरAI-संचालित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से,किसान मिट्टी के पुनर्जनन,जैविक इनपुट और जलवायु-लचीली कृषि में सर्वोत्तम प्रथाओं तक पहुंच प्राप्त करते हैं.
CFOMको अपनाकर और प्रकृति की अपनी जैविक प्रक्रियाओं का उपयोग करना सीखकर,किसान इनपुट लागत को काफी कम कर सकते हैं,उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं - जिससे दीर्घकालिक आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त होती है. यह पहल सीधे ग्रामीण आत्मनिर्भरता का समर्थन करती है,यह सुनिश्चित करती है कि छोटे किसान सिर्फ़ कृषि इनपुट के उपभोक्ता ही नहीं हैं,बल्कि एक ऐसी सर्कुलर अर्थव्यवस्था में सक्रिय भागीदार हैं जो उनकी आजीविका और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुँचाती है.
स्केलिंग इम्पैक्ट: झारखंड के चाकुलिया में एक नई सुविधा
एक हरित,आत्मनिर्भर भविष्य के लिए एक विजन
PureSumप्रौद्योगिकी-संचालित,किसान-केंद्रित समाधानों के माध्यम से ग्रामीण कृषि को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है. वैज्ञानिक नवाचार और पारंपरिक ज्ञान के बीच की खाई को पाटकर,कंपनी भारत में टिकाऊ खेती के भविष्य को नया आकार दे रही है. यह पहल सिर्फ़ एक व्यवसाय से कहीं ज़्यादा है- यह आत्मनिर्भर कृषि समुदायों,स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र और एक लचीली कृषि अर्थव्यवस्था की ओर एक आंदोलन है.
न्यूरो सर्जन डॉ. संजय ने कहा कि ऐतिहासिक स्थान से एक ऐतिहासिक कार्य की शुरुआत हो रही है. यह प्रयास सार्थक तभी होगा जब क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ आसानी से मिल सके. तकनीक के फायदे बनाते हुए बताया कि कृषि के क्षेत्र में भी विकसित तकनीक से विकसित खेती की जा सके. कृषि में रासायनिक खाद का इस्तेमाल एक गहरी साजिश है. जिसमें भारत के लोग फंस चुके हैं. यदि हम मिट्टी और बीज को विकसित कर दें तो कम पानी में भी बेहतर कृषि कार्य हो सकते हैं. चाकुलिया से फसल और नस्ल को बचाने की शुरुआत हुई है. इस प्योरसम इंडिया फाउंडेशन आगे तक ले जाएगी.
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