औरंगाबाद में रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान : गांव में पक्की सड़क बनाने की मांग, ग्रामीण बोले 10 साल में कभी विधायक का चेहरा नहीं देखा

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Demand for a paved road in the village, villagers say they have never seen the MLA's face in 10 years

औरंगाबाद:- औरंगाबाद जिले के कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में पिपरिया टोला समान बिगहा गांव में'रोड नहीं तो वोट नहीं' का ऐलान किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वोटिंग करने नहीं जाएंगे। जब तक रोड नहीं बनेगा, किसी को समर्थन नहीं करेंगे। ग्रामीण रवि कुमार, रितेश कुमार, राहुल कुमार, विकास कुमार, मुन्ना कुमार, दीपक कुमार, हरेंद्र कुमार ने बताया कि गांव में पिपरिया की ओर से जाने के लिए पक्की सड़क है। जिससे होकर प्रखंड मुख्यालय जा सकते हैं। हमारे गांव से सेमरा बाजार की दूरी लगभग4 से5 किलोमीटर है। जहां से होकर आसानी से जिला मुख्यालय तक जा सकते हैं। सेमरा बाजार में ही उनका थाना और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी है। वहां पहुंचने के लिए पहले पिपरिया गांव जाना पड़ता है।

अधिक दूरी तय करते हुए सेमरा बाजार पहुंचना पड़ता है। ऐसे में समय की बर्बादी होती है। साथ ही खर्च भी ज्यादा होता है। ग्रामीणों का कहना है कि सिमरा से चौराहा गांव तक पक्की सड़क बनी है। चौराहा गांव से उनके गांव की दूरी महज दो से ढाई किलोमीटर है। स्थानीय मुखिया के द्वारा गांव से कुछ दूरी तक सड़क बना दिया गया है। इसके आगे भरौंधा पंचायत शुरू हो जाता है। अगर चौराहा से डेढ़ किलोमीटर पक्की सड़क बना दिया जाए तो उनका गांव सिमरा से भी पक्की सड़क से जुड़ जाएगा। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला मुख्यालय आने-जाने में सुविधा होगी ।ऐसी बात नहीं है कि ग्रामीणों ने इसके लिए प्रयास नहीं किया। उक्त सड़क का पक्की करण कराए जाने को लेकर कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हें अब तक निराशा ही हाथ लगी। थक हारकर ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।

गांव के लोगों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि दो-दो बार गठबंधन के नाम पर कुटुंबा विधायक राजेश राम को वोट देकर विजयी बनाया। लेकिन जीतने के बाद आज तक उनका चेहरा नहीं देखा। विधायक 10 साल में एक बार भी उनके गांव में नहीं आए। इस बार सबक सिखाएंगे।

औरंगाबाद से मंन्टू कुमार की रिपोर्ट