दहेज का बनाया दबाव : सहरसा में नवविवाहिता का फंदे से लटका मिला शव
सहरसा:-आए दिन दहेज की वजह से बहुओं को प्रताड़ित किए जाने, जाने या फांसी पर लटकाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ताजा मामला सहरसा के कनाड़िया ओपी क्षेत्र का है, जहाँ महज9महीने पहले बड़े अरमानों और कर्ज में डूबकर की गई शादी, एक बेटी की मौत पर समाप्त हो गई।

कनाड़िया के दिव्यांग पिता ने अपनी सुंदर पत्नी प्रीति कुमारी की शादी चिरैया ओपी क्षेत्र के रहने वाले विक्की महतो, पिता रामचंद्र महतो, से की थी। शादी के वक्त गरीब पिता ने समाज की इज्जत बचाने के लिए5लाख रुपये नगद देकर बारात का स्वागत किया था।
लेकिन शादी के कुछ ही महीने बाद दहेज का दानव फिर जाग उठा। दामाद विक्की ने मोटरसाइकिल की मांग शुरू कर दी, और मांग पूरी न होने पर प्रीतम को नियमित रूप से मारपीट कर प्रताड़ित करता था। अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिव्यांग पिता ने अपनी जमीन बेचकर1लाख20हजार रुपये दामाद को दे दिए। पर उन्हें क्या पता था कि इतना सब करने के बाद भी उनकी बेटी की जिंदगी सुरक्षित नहीं है।

अब शादी को सात महीने भी नहीं हुए थे कि विक्की ने फिर एक नई मांग – मोबाइल फोन – का दबाव प्रीतम पर डालना शुरू कर दिया। प्रीतम को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा। बुधवार, 12नवम्बर, को प्रीतम ने फोन कर पिता को सारी बात बताई। पिता ने10दिनों का समय मांगा… लेकिन किसे मालूम था कि वक्त उससे भी कम बचा है।
उसी रात पति–पत्नी के बीच कहासुनी हुई, और आरोप है कि विक्की ने प्रताड़ना की हद पार करते हुए प्रीतम को फंदे से लटका दिया। परिजनों को सूचना मिलते ही चिरैया पुलिस को खबर दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए सहरसा भेज दिया। पुलिस का कहना है कि अभी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है, आवेदन मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

दूसरी ओर, प्रीतम के ससुराल वाले सभी फरार बताए जा रहे हैं। सवाल वही पुराना – हेज की बलि चढ़ती बेटियां कब तक? 10दिन पहले ही बख्तियारपुर की रूपम ने दहेज उत्पीड़न से तंग आकर अपनी जान दे दी। सवाल तब भी यही था— और कितनी प्रीतम, कितनी रूपम, दहेज के इन दानवों की बलि चढ़ेंगी? समाज कब जागेगा? कानून को सख्ती से लागू होगा? और प्रशासन कब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाएगा?