बिहार सरकार का U-टर्न : BDO के पास ही रहेगा पंचायतों का वित्तीय पावर, निर्देश जारी

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bihar sarkaar ka u-turn

पटना : बिहार सरकार ने सभी प्रखंडों के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) और बीपीआरओ (प्रखंड पंचायतराज पदाधिकारी) की भूमिका को एक बार फिर से स्पष्ट किया है। पंचायती राज विभाग ने साफ कर दिया है कि सभी प्रखंडों में विभागीय कार्य के लिए निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी फिलहाल बीडीओ ही होंगे। पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।

आदेश में कहा गया है कि वैसे प्रखंड जहाँ अधिसूचित नवनियुक्त प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी पदस्थापित है, उन प्रखंडों में पदस्थापित प्रखंड विकास पदाधिकारी फ़िलहाल पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि अधिनियम के अनुसार किसी भी अधिकारी को पंचायत समिति के कार्यपालक अधिकारी का प्रभार तभी दिया जा सकता है जब उन्हें प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के रूप में पदस्थापित किया जाय।

(यहाँ यह गौर करने लायक है कि सरकार संशोधन लाते समय इसी बात को प्रमुखता देती रही है कि प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी भी BPSC से ही सिलेक्टेड हैं। ये नवनियुक्त पदाधिकारी नवम्बर 2021 से ही प्रखंडों में पदस्थापित हैं और सारे महत्वपूर्ण दायित्यों जैसे-पंचायत चुनाव, वार्ड सचिव का चुनाव, शिक्षक नियोजन, विभिन्न परीक्षाओं और पर्व त्योहारों में दंडाधिकारी की भूमिका इत्यादि निभाते रहे और अब उनके बदले अचानक से प्रखंड विकास पदाधिकारी को फ़िलहाल कहके पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी का काम थमा दिया गया |)

इसी पत्र के कंडिका 2 के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को उन प्रखंडों का भी प्रभार दे दिया गया जहाँ अभी तक प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी अतिरिक्त प्रभार के रूप में कार्य देख रहे थे।