पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : सीवान जेल के दो कक्षपालों को मिली राहत, विभागीय सजा रद्द कर सरकार को बकाया भुगतान का निर्देश

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पटना हाईकोर्ट ने छापामारी के दौरान सिवान मंडल कारा में पकड़े गए आपत्तिजनक सामान को लेकर सीवान जेल के दो कक्षपालों को सरकार द्वारा दोषी पाते हुए दी गई सजा, को रद्द करते हुए दोनों याचिकाकर्ता को बड़ी राहत दी है।कोर्ट में उनके खिलाफ चलाए गए विभागीय करवाई और उसके तहत दी गई सजा को रद्द करते हुए सरकार को निर्देश दिया कि वह उन्हें अभिलंब उनके सारे बकाए का भुगतान कर दे।

जस्टिस पी बी बजनथ्री ने जेल वार्डर सुनील पासवान और योगेश्वर रजक द्वारा दायर रिट याचिका पर उनके अधिवक्ता सुनील कुमार की दलीलें सुनने के बाद यह निर्देश दिया।कोर्ट को अधिवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि अगस्त 2008 में सिवान जेल में जिला प्रशासन द्वारा छापामारी की गई थी।उस समय सिवान के जेल में बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन भी बंद थे।

छापामारी में जेल में कुछ आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया था। सामान की बरामदगी के बाद जिला प्रशासन और जेल प्रशासन द्वारा इन दोनों कक्षपालों को दोषी पाते हुए इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलाई गई। कार्रवाई के बाद इन्हें सजा के रूप में चार वार्षिक वेतन वृद्धि को कम कर दिया गया।कोर्ट को अधिवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि जेल में छापामारी के दौरान कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं पाया गया था, जिससे यह प्रमाणित हो सके कि उसमें इन दोनों वार्डन का हाथ है। विभागीय कार्रवाई में भी किसी तरह का कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है ।बावजूद इसके इन दोनों को दोषी पाते हुए इनके चार वार्षिक वेतन वृद्धि को रोक दिया गया है।