BIHAR NEWS : पटना में 7 लोगों को मिलेगा इस साल महावीर मंदिर का श्रवण कुमार पुरस्कार

Edited By:  |
bihar news

पटना : महावीर मंदिर, पटना की ओर से दिया जाने वाला श्रवण कुमार पुरस्कार इस वर्ष आचार्य किशोर कुणाल जी की पहली पुण्यतिथि 29 दिसंबर को ज्ञान भवन में दिया जाएगा. इसके लिए 29 नवंबर तक आवेदन करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी. श्रवण पुरस्कार के लिए 42 अनुशंसाएं मिली थी. जिनमें अनुशंसित विवरणों के आधार पर 11 अनुशंसाओं के भौतिक सत्यापन की अनुशंसा की गई. जिसमें सात लोग इस पुरस्कार के लिए अनुशंसित किए गए हैं.

इस वर्ष श्रवण कुमार पुरस्कार के लिए चयनित लोगों में प्रथम पुरस्कार के लिए पोस्टल पार्क के शंभू चौधरी, द्वितीय पुरस्कार के लिए कृष्णानगर, पटना के रवि संगम और तृतीय पुरस्कार के लिए आदर्श विहार कोलनी (रूकनपुरा) के प्रिय रंजन सैतव शामिल हैं. इसके अलावा चार लोगों को समर्पण पुरस्कार के लिए अनुशंसित किया गया है. इनमें मोकिमपुर, परसा बाजार के अजय कुमार मुखर्जी, रामनगरी के पिंकी प्रियदर्शिनी सिंह (पति आलोक कुमार), वासुदेव इनक्लेव कंकड़बाग मेन रोड के तरूण कुमार और सिद्धेश्वर नगर (मैनपुरा ग्रीन हेरिटेज) शामिल हैं.

इस श्रवण कुमार पुरस्कार के लिए गठित समिति की बैठक में निर्णय लिया गया. समिति में पूर्व न्यायाधीश एसएन झा की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय कमेटी ने उम्मीदवारों की चयन की. इस कमेटी में बिहार- झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव और महावीर मंदिर न्यास समिति के सदस्य वीएस दूबे के अलावा अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी , बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य और महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव सायण कुणाल, पंडित भवनाथ झा आदि शामिल हैं. पद्मश्री आचार्य किशोर कुणाल की पहली पुण्य तिथि पर ज्ञान भवन में दोपहर 12 बजे से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय चौधरी, मंत्री दिलीप जायसवाल शिरकत करेंगे.

सचिव सायण कुणाल ने बताया कि पटना के महावीर मंदिर की ओर से यह पुरस्कार 2010 से दिया जा रहा है. महावीर स्थान न्यास समिति, पटना के द्वारा प्रत्येक वर्ष शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर माता-पिता की उत्कृष्ट सेवा करने वाले पुत्र एवं पुत्रियों को प्रोत्साहित करने के लिए श्रवण कुमार पुरस्कार की योजना चल रही है. यह पुरस्कार उनलोगों को दिया जाता है, जो स्वयं शारीरिक एवं आर्थिक रूप में आस्थापूर्वक निःस्वार्थ भाव से अपने वृद्ध माता-पिता की सेवा कर रहे हैं तथा समाज में चर्चा का विषय बन चुके हैं. बता दें कि पहली बार 2010 में जानकी नवमी के मौके पर 23 मई को इस पुरस्कार का वितरण किया गया था. इसके बाद 2013 और अंतिम बार 2016 में पुरस्कार उम्मीदवारों का चयन कर दिया गया. इसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न प्रयासों के बाद अनुशंसा नहीं मिलने के कारण पुरस्कार स्थगित करना पड़ा. अब एक बार फिर महावीर मंदिर प्रबंधन इस दिशा में संकल्पित है.

पुरस्कार राशि...

प्रथम पुरस्कार...एक लाख रुपए

द्वितीय पुरस्कार-50 हजार रुपए

तृतीय पुरस्कार-25 हजार रुपए

समर्पण पुरस्कार-10 हजार रुपए

पटना से अंकिता की रिपोर्ट--