Bihar News : पटना HC में पदाधिकारियों द्वारा निजी वाहन पर नेमप्लेट/बोर्ड लगवाने के विरुद्ध जनहित याचिका दायर
Patna : पटना हाईकोर्ट में राज्य की निचली अदालतों के सभी स्तर के न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा अपने अपने निजी वाहन पर न्यायाधीश,जज,सब जज,ए डी जेका नेमप्लेट/बोर्ड लगवाने के विरुद्ध एक जनहित याचिका दायर की गयी है.
ये मोटर वाहन कानून 1988 और हाईकोर्ट के आदेश का किए जा रहे उल्लंघन को रोकने और ऐसा नेमप्लेट/बोर्ड अपनी निजी गाड़ी पर लगवाकर चलने वाले सभी जजों पर हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना एवं वाहन अधिनियम 1988 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई करने की मांग इस जनहित में की गयी है.
ये जनहित याचिका कानून के एक छात्र केशव कुमार झा की ओर से दायर की गयी है. यह याचिका अधिवक्ता प्रफुल्ल चन्द्र झा ने दायर की है.
इस याचिका में राज्य के विधि सचिव,हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल,रजिस्ट्रार एडमिनिस्ट्रेशन, ज्यूडिशियल अकैडमी बिहार के डायरेक्टर,बिहार लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के चेयरमैन समेत परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव,राज्य के परिवहन आयुक्तसमेत अन्य सभी संबंधित अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया है.
इस जनहित याचिका में हाईकोर्ट से यह मांग की गई है कि इस सम्बन्ध में हाईकोर्ट द्वारा 15 फरवरी 2019 को जो एक पत्र/आदेश जारी कर बिहार के विधि सचिव,बिहार ज्यूडिशल अकैडमी के डायरेक्टर, बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के अध्यक्षसमेत अन्य संबंधित अधिकारियों को यह निर्देशित देते हुए कहा गया था,उसका पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिया जाए.
उसमें यह आदेशित था कि सभी संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ कार्य कर रहे हैं किसी भी न्यायिक पदाधिकारी द्वारा अपने-अपने निजी वाहन पर न्यायाधीश, जज या किसी भी प्रकार का बोर्ड नहीं लगाया जाय.
इसके बावजूद राज्य के सभी स्तर के न्यायिक पदाधिकारी द्वारा अपने-अपने निजी वाहन पर इस तरह का बोर्ड/नेमप्लेट लगाया जा रहा है, ये हाईकोर्ट के साथ-साथ मोटर वाहन कानून का भी खुला उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि इन अधिकारियों द्वारा अपने गाड़ी पर लगाए गए इस तरह के बोर्ड के कारण ट्रैफिक नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है.
कोई भी पुलिस वाला उनके डर से इनको ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने से ना तो रोक पाता है और ना ही उन पर किसी तरह का जुर्माना लगा पाता है.
इन पदाधिकारी द्वारा अपने अपने निजी वाहन पर न्यायाधीश,जज आदि का बोर्ड लगाकर चलना खुद नियमों का उल्लंघन है.
इसलिए इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए ऐसा करने वाले पदाधिकारी पर अवमानना का मामला तुरंत प्रारंभ किया जाए. इस मामले पर हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई होने की संभावना है.