Bihar News : CM नीतीश ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर की हाईलेवल मीटिंग, दिये आवश्यक निर्देश

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पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1, अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किये जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने राज्य की नदियों के जलस्तर की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली.

बैठक में विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की तथा नदियों के जलस्तर के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अधिक वर्षापात के कारण गंगा नदी के किनारे के 10 जिले भोजपुर,पटना,सारण,वैशाली,बेगूसराय,लखीसराय,मुंगेर,खगड़िया,भागलपुर एवं कटिहार विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से इन 10 जिलों के 54 प्रखंडों की 348 पंचायतों की 25 लाख आबादी प्रभावित हुई है. एन०डी०आर०एफ० की 7 टीमें और एस०डी०आर०एफ० की 9 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है. 60 मोटर बोट और 1233 नाव लगातार कार्यरत हैं. अब तक 52 हजार 573 पॉलीथीन शीट और 1800 सूखा राशन पैकेट प्रभावित लोगों के बीच वितरित किया गया है. बाढ़ राहत कैंपों में प्रभावित लोगों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एस०ओ०पी०) के अनुसार सारी व्यवस्थाएं की गई हैं. अभी तक सामुदायिक रसोई केंद्र में 13 लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया जा चुका है. जानवरों के लिए पशु चारा एवं चिकित्सा की व्यवस्था की गई है. आपदा प्रबंधन विभाग राहत एवं बचाव कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा कर स्थिति पर नजर बनाए हुए है. बाढ़ प्रभावित लोगों को आनुग्रहिक राहत राशि (जी०आर०) वितरण करने के लिए जिलाधिकारी को सूची बनाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य में अच्छी वर्षा के कारण किसानों को फायदा हुआ है. राज्य में अब तक 93 प्रतिशत धान की रोपनी हो चुकी है.

बैठक में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल,कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार,पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर० पुदुकलकट्टी एवं ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने अपने-अपने विभागों से जुड़े राहत एवं बचाव कार्यों से संबंधित जानकारी दी. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ० नवल किशोर चौधरी,भोजपुर के जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया एवं पटना के जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस०एम० ने अपने-अपने जिलों में किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी दी.

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहे. साथ ही प्रभावित लोगों को यथाशीघ्र और पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करें. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के बीच राहत एवं बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी से करते रहें. उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से ही हमलोग आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं. मॉनसून के पूर्व संभावित बाढ़,सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं को लेकर तैयारियों की समीक्षा की जाती है और एस०ओ०पी० के अनुसार सभी को कार्य करने के निर्देश दिए जाते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच आनुग्रहिक राहत राशि (जी०आर०) का वितरण जल्द से जल्द करायें. बाढ़ के दौरान हुई फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच राशि का भुगतान कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्स्थापन कार्य कराना सुनिश्चित करे ताकि लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो.

समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर० पुदुकलकट्टी, ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ० चन्द्रशेखर सिंह उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबद्ध जिलों के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे.