Bihar News : पटना HC में औरंगाबाद सिविल कोर्ट में अभियोजन पदाधिकारी समेत अन्य पदों पर नियुक्तियों में अनियमितता पर हुई सुनवाई

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Patna: पटना हाईकोर्ट ने औरंगाबाद जिले के सिविल कोर्ट में अभियोजन पदाधिकारी, अपर अभियोजन पदाधिकारी,गवर्नमेंट प्लीडर और एडिशनल गवर्नमेंट प्लीडर के लिए होने वाली नियुक्तियों मे बरती जा रही कथित अनियमितताओं पर सुनवाई की.

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल एम पंचोली की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए इस मामले पर एकल पीठ के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दिया है.

पिछली सुनवाई में डॉ. अंशुमान की एकल पीठ ने सुरेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था.

साथ ही कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य के विधि सचिव,महाधिवक्ता,डीएम,औरंगाबाद को अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था.

पूर्व में याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह ने बताया था कि औरंगाबाद सिविल कोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए लोक अभियोजक,अपर लोक अभियोजक,सरकारी वकील,अपर सरकारी वकील आदि की नियुक्ति होनी थी. लेकिन इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की संभावना है. प्रक्रिया का बगैर सही पालन किये इन सबकी नियुक्ति हो सकती है.

उन्होंने कोर्ट को बताया था कि प्रावधानों के अनुसार विज्ञापन निकाल कर इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु करनी थी. लेकिन अधिकारियों ने बिना प्रक्रियाओं का पालन किये औरंगाबाद सिविल कोर्ट के लिए सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति होने की आशंका है.

इसका परिणाम हो सकता है कि पैरवी वाले इन पदों पर नियुक्त हो सकते हैं,जबकि योग्यता वाले अधिवक्ता बाहर ही रह जाएंगे. उन्होंने कोर्ट से इस मामले की जांच करा कर उचित कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया था.

इस आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने चीफ जस्टिस विपुल एम पंचोली की खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की. इस पर सुनवाई करने के बाद एकल पीठ के आदेश पर खंडपीठ ने फिलहाल रोक लगा दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जुलाई,2025 को होगी.

इस बीच याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.