BIG NEWS : बोकारो में भाकपा माओवादी संगठन की सदस्या सुनीता मुर्मू ने किया सरेंडर
बोकारो : बड़ी खबर बोकारो से है जहां नक्सल प्रभावित लूगु पहाड़ मुठभेड़ में सक्रिय रुप से शामिल प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन की सदस्या सुनीता मुर्मू उर्फ लिलमुनि मुर्मू ने सोमवार को बोकारो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी मनोज स्वर्गीयारी, कमांडेंट, सीआरपीएफ एवं अपर समाहर्ता के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है.
बता दें कि 21 अप्रैल की तड़के ऑपरेशन डाकाबेड़ा के तहत हुई मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी विवेक दा सहित 8 हार्ड कोर नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया था. वहीं मुठभेड़ के दौरान 8 से 10 नक्सली भागने में सफल हो गए थे. पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के बाद बोकारो पहुंचे डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा था कि ऑपरेशन डाकाबेड़ा के तहत भागे नक्सलियों की तलाश में सर्च अभियान जारी रहेगा.
माना जा रहा है कि पुलिस के बढ़ते दबाव और राज्य सरकार की सरेंडर पॉलिसी से प्रभावित होकर सुनीता मुर्मू ने आत्मसमर्पण किया है.
सुनीता मुर्मू ने स्वीकार किया कि वे गलत रास्ते पर चली गई थी. उसने अन्य नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की है. उसने बताया वह तीन साल गिरिडीह जेल में रह चुकी हैं. कई थानों में उसके ऊपर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है.
सीआरपीएफ कमांडेंट ने कहा समाज में भय का कोई स्थान नहीं है. अन्य नक्सलियों को भी सरेंडर पॉलिसी का लाभ लेकर मुख्यधारा से जुड़ना चाहिए.
अपर समाहर्ता ने बतायासमाज ने भटके हुए नक्सलियों को फिर से मुख्यधारा से जड़ने के लिए झारखंड सरकार ने वर्ष 2018 में बहुत सरेंडर पॉलिसी लाई. इसके तहत नक्सलियों को पैसे,घर,जमीन दिया जाता है. रोजगार व्यवसाय की व्यवस्था करने में सरकार सहयोग करती है ताकि वे अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके. सुनीता को ये सभी लाभ दिया जाएगा.