भूमिहीन दंपति का कठोर परिश्रम लाया रंग : जमशेदपुर में राजेन्द्र ने पत्नी के साथ बंजर भूमि में जैविक खेती कर क्षेत्र में बनाया पहचान

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जमशेदपुर : अगर मन में दृढ़ संकल्प हो तो चट्टान से भी पानी निकाला जा सकता है. इसी को चरितार्थ किया है जमशेदपुर के रहनेवाले भूमिहीन पति-पत्नी राजेंद्र कुशवाहा और सुषमा कुशवाहा ने. दोनों ने कड़ी मेहनत कर बंजर भूमि को खेती लायक बनाया. आज सब्जी की खेती कर क्षेत्र में एक पहचान बना चुके हैं.

आपको बता दें किराजेंद्र कुशवाहा का विवाह सुषमा के साथ हुआ. शादी के बाद पति-पत्नी रोजगार को लेकर काफी चिंतित रहने लगे. इस दौरान किसान परिवार में जन्मे राजेंद्र एवं सुषमा ने स्वरोजगार के लिए अपने बल पर स्वतंत्रता के साथ खेती कर परिवार का जीवन यापन करने का संकल्प लिया. वहीं भूमिहीन राजेंद्र एवं सुषमा ने माता आश्रम हाता के 3 एकड़ बंजर भूमि को रेंट पर लिया. दोनों ने कड़ी मेहनत कर बंजर भूमि को उपजाऊ बना दिया. दोनों पति-पत्नी लगातार 3 साल की मेहनत में बंजर भूमि को खेती लायक बनाया. आज सब्जी की खेती कर अपना दैनिक खर्च निकाल रहे हैं.

राजेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने में मेरी पत्नी का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने मेरे कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ी और मुझे हर समय साहस प्रदान की. आज बाजार में साग की बहुत मांग है. लोग आज रक्त की कमी से जूझ रहे हैं. इस दौरान बाजार की मांग के अनुसार जिस साग में आयरन की मात्रा अधिक होती है जैसे कलमी,पालक,धनिया,पुदीना आदि सागों का बाजार में बहुत मांग है. इसको लेकर काफी मात्रा में उत्पादन कर नजदीक के बाजारों में एवं साकची मंडी में बेचकर अच्छा खासा पति-पत्नी कमाई कर रहे हैं. वहीं राजेंद्र का कहना है कि इसके अलावा टमाटर,बैगन,बिम्स,मूली,गाजर,खीरा आदि मौसमी सब्जियों का उत्पादन कर जैविक विधि से अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पत्नी सुषमा हमारे हर काम में सुबह से शाम तक मेरे साथ खेतों में लगी रहती हैं और हम दोनों मिलकर खेती के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार ला रहे हैं और कुछ सरकारी सुविधा मिल जाए तो यह आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं.

वहीं माताजी आश्रम के शंकर चंद्र गोप ने बताया कि पति-पत्नी भूमिहीन होते हुए भी स्वाभिमान के साथ और मेहनत के बल पर बंजर भूमि को उपजाऊ बनाये और सब्जी की खेती कर आज स्वाबलंबी होकर जीवन यापन कर रहे हैं. पति-पत्नी का काफी अच्छा प्रयास है. वहीं इस परिवार को सरकारी सहयोग मिलना चाहिए जिससे यह और अच्छी तरीके से जैविक विधि से खेती कर वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ सकें.

जमशेदपुर से बिनोद केसरी की रिपोर्ट--