अतिक्रमण हटाने में लापरवाही पर HC ने जताई नाराजगी : कहा-निश्चित अवधि में नहीं हटा अतिक्रमण तो केंद्र सरकार को कार्रवाई करने को कहा जाएगा
Patna : पटना हाईकोर्ट ने पटना के विभिन्न क्षेत्रों में हुए अतिक्रमणों को प्रभावी ढंग से नहीं हटाये जाने के मामले में दायर अवमानना वाद पर सुनवाई की थी. जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने डॉ. अमित कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी,पटना को इन अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए 8 सप्ताह का मोहलत दिया था. लेकिन अभी भी आशियाना दीघा रोड पर अतिक्रमण प्रशासन द्वारा आंशिक रूप से ही हटाया जा सका है. जबकि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जिला प्रशासन को 8 सप्ताह में सभी अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था.
साथ ही कोर्ट ने ये भी सुनिश्चित करने को कहा था कि अतिक्रमण हटाने के बाद दुबारा अतिक्रमण न हो. इसी मामले में एक स्थानीय नागरिक सतीश सिंह ने कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर बताया कि प्रशासन द्वारा आंशिक रूप से अतिक्रमण हटाया गया.
उन्होंने बताया कि 2 जुलाई,2025 को इस क्षेत्र से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाया,लेकिन कुछ ही घंटों में पुनः दुबारा अतिक्रमण हो गया.
उन्होंने कहा कि 2019 में ही कोर्ट ने इन अतिक्रमणों को हटाने का आदेश दिया था,लेकिन अब तक अदालती आदेश का पूर्णतः पालन नहीं हुआ.
उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि इन अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध प्रशासन को सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया जाये.
पिछली सुनवाई में कोर्ट इन अतिक्रमणों को नहीं हटाए जाने और हटाए अतिक्रमण की जगह दुबारा अतिक्रमण हो जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी.
कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यदि इस अवधि के अंदर अतिक्रमण हटाने का काम प्रभावी ढंग से नहीं हुआ,तो केंद्र सरकार को इस सम्बन्ध में कार्रवाई करने को कहा जा सकता है.
2019 के अदालती आदेश का पालन नहीं होने के बाद डॉ. अमित कुमार सिंह ने अवमानना वाद पटना हाईकोर्ट में दायर किया. इस पर जस्टिस बजंथरी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इन अवैध कब्ज़ा को प्रभावी ढंग से नहीं हटाने को काफी गंभीरता से लिया.
कोर्ट ने ये भी सुनिश्चित करने को कहा था कि अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के बाद पुनः अतिक्रमण नहीं हो. इसके पूर्व पटना डीएम की ओर से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि कुछ अतिक्रमण को हटा दिया गया है.
वहीं वरीय अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने कोर्ट को बताया कि अतिक्रमण हटाने का केवल कागजी कार्रवाई की गई है. भौतिक रूप से अवैध अतिक्रमण को नहीं हटाया गया है. अतिक्रमण हटाने के बाद भी अधिकारियों की मिलीभगत से दुबारा अतिक्रमण हो जाता है.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि पटना हाईकोर्ट ने पूर्व में अरुण कुमार मुखर्जी मामले में ये स्पष्ट किया था कि दुबारा अतिक्रमण किये जाने के मामले में सम्बन्धित थानाध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया जायेगा. लेकिन अभी भी अवैध अतिक्रमण बार बार हो रहा है. इसका कोई स्थाई समाधान नहीं हो रहा है.
इस मामले पर 25 सितम्बर,2025 को पुनः सुनवाई की जाएगी.