अस्पताल से लोगों को नहीं मिलता लाभ : कम संसाधन में चल रहा है बासुकीनाथ होम्योपैथिक अस्पताल, अस्पताल में विकास कार्य नहीं होने से लोगों में नाराजगी
दुमका: जिले के विश्व प्रसिद्ध बासुकीनाथधाम स्थित राष्ट्रीय होम्योपैथिक औषधालय में एक हेल्थ ऑफिसर, एक कंपाउंडर के साथ एक चपरासी की प्रतिनियुक्ति है. लेकिन जिले के अधिकारी के ढुलमुल रवैये के कारण सीमित संसाधन में यह अस्पताल चल रहा है. स्थानीय लोगों के साथ आने वाले श्रद्धालु भी इस अस्पताल में पहुंचते हैं. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि सरकार के पैसे का जिले के अधिकारी के ढुलमुल रवैये से दुरुपयोग हो रही है.
होम्योपैथिक अस्पताल के हेल्थ ऑफिसर डॉ. नीलम कुमारी बताती हैं कि अगर कुछ कर्मचारियों के साथ कुछ औषधि मिल जाए तो लोगों को ज्यादा फायदा दे पाएंगे. इस अस्पताल को मंदिर अस्पताल के रूप में विकसित की जाए तो इसका फायदा आने वाले श्रद्धालु उठा पाएंगे. इस अस्पताल के व्यवस्था की बात कर लें तो सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति है. मूलभूत सुविधा भी यहां पर उपलब्ध नहीं है. कई वर्षों से अस्पताल के कमरे का रंग रोगन नहीं हुआ है.
आने वाले मरीजों का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी के कारण अस्पताल के विकास कार्य के लिए आने वाले पैसे का बंदरबांट हो जाता है. क्योंकि अस्पताल में कुछ औषधि के अलावे 3 कर्मचारी ही उपलब्ध हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल को चलाने के लिए बहुत सारे रुपए खर्च करते होंगे. लेकिन लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता है.
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