कांग्रेस CLP विवाद : विधायकों को तोड़ने और बिरसा कांग्रेस गठन से जुड़े लोग कर रहे हैं मेरे खिलाफ षड्यंत्र

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Those involved in luring away MLAs and forming the Birsa Congress are conspiring against me

Ranchi:झारखंड की राजधानी में रांची में कांग्रेस को लेकर खूब चर्चा हो रही है, चर्चा का मुख्य केंद्र बिंदु पार्टी विधायक दल नेता प्रदीप यादव है. सदन के अंदर और सदन बाहर अलग-अलग विषय पर नेता विधायक दल सुर्खियां बटोर रहे है. हालांकि इन मुद्दे पर प्रदीप यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखे हैं.

सीसीटीवी फुटेज पर नेता विधायक दल की सफाई: प्रदीप यादव

पिछले एक दिन से कुछ न्यूज़ चैनलों द्वारा एक सीसीटीवी फुटेज प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें मैं और बाबूलाल मरांडी जी दिखाई दे रहे हैं. यह वीडियो विधानसभा परिसर का है तथा दिनांक 10 दिसंबर 2025, लगभग सुबह 11 बजे का है. उस समय का जब वहां विधायक, मीडिया और प्रशासनिक कर्मियों की नियमित उपस्थिति रहती है. यह कोई सुनसान स्थान नहीं है, बल्कि विधानसभा के उसी गेट के सामने का सीसीटीवी फुटेज है, जहां से प्रतिदिन सभी विधायक आवागमन करते हैं. दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इसी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा झूठा और भ्रामक नैरेटिव गढ़ने का प्रयास किया जा रहा है.

मेरे विरुद्ध रची जा रही है साजिश: CLP

मुझे नहीं पता कि इसके पीछे कौन है और किस उद्देश्य से मेरे विरुद्ध ऐसी साजिश रची जा रही है, लेकिन बिना मेरा पक्ष जाने, एकतरफा ढंग से आरोप गढ़कर मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास अत्यंत पीड़ादायक है.तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करना और अधूरी जानकारी के आधार पर खबरें चलाना किसी भी रूप में न्यायोचित नहीं कहा जा सकता. जहां तक इस सीसीटीवी फुटेज का प्रश्न है, तो यह दावा कि मैं बाबूलाल मरांडी जी को कोई पेनड्राइव सौंप रहा हूं, पूरी तरह असत्य, निराधार और कल्पनाजन्य है.

नेता प्रतिपक्ष से अखबार में प्रकाशित हुई खराब पर हो रही थी बातचीत: CLP

वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि बाबूलाल मरांडी जी के साथ मेरी बातचीत एक अख़बार में प्रकाशित खबर को लेकर हो रही है। उस विषय को मैं स्वयं भी विधानसभा में उठाने वाला था, किंतु बाबूलाल मरांडी जी ने उसे पहले ही सदन में उठा दिया था. इसके पश्चात जब मैं विधानसभा परिसर से बाहर निकला, उसी गेट से जहां से अधिकांश विधायक निकलते हैं, तो संयोगवश उसी अख़बार में छपी खबर को लेकर उनके साथ चर्चा हुई. किसी भी प्रकार की कोई वस्तु सौंपने-लेने की बात पूर्णतः असत्य है. यह स्थान विधानसभा का सार्वजनिक गलियारा है, जहां हर समय विधायक, मीडिया, पुलिस एवं कर्मचारी मौजूद रहते हैं और चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. मेरे एक हाथ में मोबाइल और अख़बार था तथा दूसरे हाथ में रुमाल. पूरी बातचीत दिन के उजाले में, एक सार्वजनिक खबर को लेकर ही हो रही थी.

अनुचित मंशा होती, तो सार्वजनिक स्थान पर क्यों मिलता: CLP

अब स्वयं सोचिए, यदि मेरी कोई अनुचित मंशा होती, तो क्या मैं इतनी सार्वजनिक जगह पर, इतने लोगों की मौजूदगी में और सीसीटीवी निगरानी के बीच ऐसा कोई कृत्य करता, जिसकी फुटेज अगले ही दिन सामने आ जाए? यह सामान्य विवेक से भी परे है. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वीडियो को ध्यान से देखें और स्वयं तय करें कि वहां कोई लेन-देन हो रहा है या केवल एक सार्वजनिक विषय पर चर्चा.

कांग्रेस में शामिल होने के बाद से जारी है षड्यंत्र: CLP

यह पूरा प्रकरण एक सुनियोजित षड्यंत्र की ओर संकेत करता है। सच्चाई यह है कि जब से मैंने कांग्रेस जॉइन की है, तब से एक विशेष लॉबी लगातार मुझे रोकने और बदनाम करने का प्रयास कर रही है. यही वह लॉबी है जिसने कभी बिरसा कांग्रेस के निर्माण का प्रयास किया, कभी कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की कोशिश की और पिछले विधानसभा कार्यकाल में हमारे मर्जर को रोकने में भी भूमिका निभाई. खैर, वे अपना षड्यंत्र जारी रखें. जहां तक जनता के हित से जुड़े सवाल उठाने की बात है, यदि इससे किसी को असुविधा होती है, तो मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब तक जीवित रहूंगा, जनता की आवाज़ बनकर मजबूती से खड़ा रहूंगा.

रांची से सीनियर रिपोर्टर राहुल कुमार पांडेय कि रिपोर्ट.