रक्तदान महादान : देवघर में जरुरतमंद को रक्त देने के लिए देखी गई सांप्रदायिक सौहार्द
देवघर : अपने खून से किसी जरुरतमंद व्यक्ति को नया जीवन देना एक महान कार्य माना जाता है. यही वजह है कि रक्तदान महादान कहा जाता है. रक्तदान के लिए मजहब कभी गैर नहीं होता.
आपको बता दें कि देवघर जिले के देवीपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले दिनेश यादव की पत्नी एक माह पूर्व आग तपने के दौरान पूरी तरह झुलस गई थी. इनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. पिछले एक महीना से इलाज हो रहा है जिससे पीड़िता को खून की कमी हो गई. चिकित्सक ने परिजन को खून की व्यवस्था करने का आग्रह किया. जिस ग्रुप का खून दिनेश यादव को उसकी पत्नी के लिए चाहिए वह ग्रुप का खून ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं था. खून उपलब्ध नहीं होने से वे काफी परेशानी में आ गए थे. लेकिन जब इसकी जानकारी देवीपुर थाना प्रभारी संदीप कृष्ण को मिली तो उसने पीड़ित महिला के लिए अपना एक यूनिट रक्त दिया. तभी झामुम नेता शमशाद शेख ने भी अपना एक यूनिट खून पीड़ित महिला को दिया. दो यूनिट खून चढ़ते ही पीड़िता के हिमोग्लोबिन में काफी सुधार हुआ. इससे यह साबित होता है कि जरूरत के समय दो समुदाय आपस में एक साथ रहते हैं. ऐसे में एक कहावत चरितार्थ हो रही है कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना. थाना प्रभारी संदीप कृष्ण की पहल से पीड़िता की चेहरे पर मुस्कान आ गई. महिला के पति दिनेश यादव ने थाना प्रभारी और झामुमो नेता का आभार व्यक्त किया है.
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