BIHAR NEWS : अस्पतालों में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट लंबे समय से पड़े हैं बंद

रोहतास:-यह अत्यंत चिंताजनक और हैरान करने वाली खबर है कि रोहतास जिले के सदर अस्पताल सासाराम समेत अन्य अनुमंडल अस्पतालों में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट बीते मार्च महीने से ही बंद पड़े हैं। यह स्थिति उस समय और भी गंभीर हो जाती है जब कोरोना जैसी महामारियों के दौरान इन प्लांट्स का महत्व स्पष्ट रूप से देखा गया था।
ऑक्सीजन"जीवनदायिनी" प्लांट बंद से मरीजों की मुश्किल बढ़ती जा रही क़दम दर क़दम। कोरोना की दूसरी लहर में जब ऑक्सीजन की कमी से देश त्राहि-त्राहि कर रहा था,तब प्रधानमंत्री केयर्स फंड और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत इन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स को युद्ध स्तर पर निर्माण कर स्थापित किया गया था। इनका उद्देश्य था कि भविष्य में कभी भी ऑक्सीजन की कमी न हो और अस्पताल आत्मनिर्भर बन सकें।
विडंबना यह है कि आज ये जीवनदायिनी मशीनें अस्पताल परिसर में महज़ एक महंगी शोभा की बस्तु बनकर रह गई हैं,जो प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाती हैं। बताया गया कि मार्च 2025 से केवल'तकनीकी'प्रशासनिक सुस्ती'से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इन प्लांट्स के मार्च महीने से बंद होने के पीछे मुख्य कारण तकनीकी प्रबंधन में खामियां बताई जा रही है,जिसका समाधान अब तक नहीं हो पाया है।
सवाल यह उठता है कि क्या बीते कई महीनों में स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन इस खामियों को दूर करने के लिए कोई खास पहल नहीं किया।
ऑक्सीजन प्लांट बंद होने का सीधा असर मरीजों पर पड़ता है। हालांकि,अस्पताल प्रबंधन अभी भी सिलिंडर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है,लेकिन यह व्यवस्था न केवल अधिक महंगी है,बल्कि आपात स्थिति के लिए कम विश्वसनीय भी है।प्लांट का बंद होना दिखाता है कि अस्पताल अब भी बाहरी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर है।
विशेषकर मातृ शिशु इकाई और आईसीयू जैसे गंभीर वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए यह एक बड़ा जोखिम है,जैसा कि बीते फरवरी में सासाराम सदर अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति में लीकेज की घटना सामने आई थी,जिससे अफरा-तफरी मच गई थी।
करोड़ों रुपए की लागत से स्थापित इन प्लांट्स का बंद रहना सरकारी धन की घोर बर्बादी है। जिस उद्देश्य से इन्हें लगाया गया था,वह विफल हो रहा है।
यदि इन मशीनों का नियमित रूप से रखरखाव और संचालन नहीं किया जाता है,तो ये समय से पहले ही बेकार हो जाएंगी। जिससे भविष्य के संकट को न्योता से इंकार नहीं किया सकता और यह ऑक्सीजन प्लांट कबाड़ में तब्दील हो जाएगा।
विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि कोरोना जैसे संक्रमणों का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में,यदि ये प्लांट बंद रहते हैं,तो कोई भी अचानक आने वाला स्वास्थ्य संकट जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को घुटनों पर ला सकता है।
रोहतास जिले के सदर और अनुमंडल अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट का महीनों से बंद रहना बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा और जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता का जीता-जागता प्रमाण है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है,ताकि इन जीवन रक्षक प्लांट्स को जल्द से जल्द चालू किया जा सके और जिले के लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी मिल सके।