पलामू में बच्चों के हक से खिलवाड़ : राशन अभाव में मध्यान भोजन बंद, छात्रवृत्ति फॉर्म के लिए पैसे की मांग
पलामू:- पलामू से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाली बड़ी खबर सामने आई है। छतरपुर के एक सरकारी विद्यालय में जहां बच्चों को मुफ्त सुविधाएं मिलनी चाहिए, वहीं उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं। छात्रवृत्ति फॉर्म के नाम पर अवैध वसूली और मध्यान भोजन बंद होने से अभिभावकों में गुस्सा है।

छतरपुर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड संख्या–04स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा में छात्रवृत्ति फॉर्म भरने के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है। आरोप है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक अशोक कुमार रजक ने प्रत्येक छात्र से50-50रुपये वसूले हैं।

विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि छात्रवृत्ति फॉर्म भरवाने के लिए उनसे पैसे मांगे गए, जिसे उन्होंने जमा भी कर दिया। प्रधानाध्यापक अशोक कुमार रजक ने50रुपये लेने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि यह राशि ऑनलाइन फॉर्म भरवाने के लिए ली गई थी और बीआरसी ऑपरेटर को दी गई है।हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि राशि वापस कर दी जाएगी, लेकिन छात्रवृत्ति मिले या नहीं, इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी।

इस पूरे मामले पर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी ओम प्रकाश कुमार ने स्पष्ट कहा है कि सरकारी विद्यालयों में किसी भी तरह का शुल्क लेना पूरी तरह प्रतिबंधित है। यदि वसूली की पुष्टि होती है, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं एमआईएस को-ऑर्डिनेटर अभिमन्यु कुमार ने बताया कि छात्रवृत्ति फॉर्म भरने के लिए विद्यालय को आईडी और पासवर्ड दिया गया है, जिससे सभी छात्रों का फॉर्म निःशुल्क विद्यालय स्तर पर ही भरा जाना है।
इधर विद्यालय से जुड़ा एक और गंभीर मामला सामने आया है। छात्रों के अनुसार पिछले चार दिनों से विद्यालय में मध्यान भोजन पूरी तरह बंद है। प्रधानाध्यापक ने इसके लिए राशन की कमी को कारण बताया है।

छात्रों और अभिभावकों में इस पूरे मामले को लेकर भारी रोष है। उन्होंने शिक्षा विभाग से छात्रवृत्ति वसूली और मध्यान भोजन बंद होने की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और पोषण की व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट नजर आ रही है। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले में कितनी जल्दी और कितनी सख्त कार्रवाई करता है।