मानव की सेवा से बढ़कर और कुछ नहीं : देवघर में गुजरात के स्वामी कर रहे शिव भक्तों की सेवा, 1 माह तक सेवा करने का लिया संकल्प

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manav ki seva se barhkar aur kuchh nahi

देवघर : जब हम नि:स्वार्थ भाव से कोई सेवा करते हैं, तो हमारी भावनाओं में प्रेम, समर्पण और धैर्य का आभास होता है. कहा जाता है कि नि: स्वार्थ भाव से सेवा की जाए तो भोलेदानी भी अपने भक्तों को किसी प्रकार का कष्ट होने नहीं देते. वैसे भक्तों पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बनी रहती है. ऐसे ही भोलेनाथ के एक भक्त हैं स्वामी स्वरुपानंद जी सरस्वती. जो गुजरात के सीहोर स्थित श्री गौतमेश्वर महादेव से आकर पूरे सावन माह में शिव भक्तों को नि: स्वार्थ भाव से निःशुल्क महाप्रसाद का आयोजन तो कर ही रहे हैं साथ साथ इनके आवासन की भी व्यवस्था कर रहे हैं. इनके साथ स्थानीय सहित कई समाजसेवी भी नि: स्वार्थ सेवा दे रहे हैं.

12द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक महीने तक भक्तों को महाप्रसाद वितरण करने का है संकल्प

सेवा परमो धर्म. मानव की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं. अगर बात शिव भक्तों की सेवा करने की करें तो इससे स्वयं भोलेनाथ की विशेष कृपा सेवा करने वालों पर बनी रहती है. देवघर में इन दिनों श्रावणी मेला चल रहा है. पिछले22जुलाई से अनवरत श्रद्धालु और कांवरिया का बाबाधाम आने का सिलसिला जारी है. सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर105किलोमीटर की कठिन यात्रा कर देवघर पहुंचने वाले कांवरियों की सेवा सब कोई करना चाहता है. इसी भाव से गुजरात से देवघर पहुंचे परमादर्श आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री स्वरूपानंद जी महाराज शिव भक्तों की सेवा कर रहे हैं. इनकी मानें तो वे हर शिव भक्तों में शिव का दर्शन करते हैं. यही कारण है कि इन शिव भक्तों की यात्रा में हुई थकान,शारीरिक कष्ट को दूर कर या इन भक्तों को महाप्रसाद खिलाकर जो उनकी मन,आत्मा को शांति मिलती है इसी से स्वामी जी का मानना है कि उन्हें भोलेनाथ का आशीर्वाद मिल गया. स्वामी जी सभी12पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शिव भक्तों को महाप्रसाद का आयोजन करने का संकल्प लिया है. केदारनाथ से शुरू हुए इनकी संकल्प यात्रा विभिन्न ज्योतिलिंगों में सेवा प्रदान करते हुए10वां ज्योतिर्लिंग में सेवा करने बाबा बैद्यनाथ की नगरी पहुंचे हैं. यहाँ कांवरिया रूट लाइन में एक विवाह भवन को अस्थाई रूप से लेकर शिव भक्तों की सेवा कर रहे हैं. स्वामी जी का संकल्प महाराष्ट्र स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के बाद घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग में सेवा प्रदान कर इनका संकल्प समाप्त हो जाएगा.

स्वामी जी का साथ स्थानीय सहित समाजसेवी भी नि:स्वार्थ भाव से दे रहे हैं

सावन मास शुरू होने से लेकर समाप्ति तक स्वामी जी प्रतिदिन शिव भक्तों के लिए महाप्रसाद खिलाने का आयोजन कर रहे हैं. गुजरात से आकर एक अंजान शहर में इनके द्वारा की जा रही नि:स्वार्थ सेवा से प्रभावित होकर इनका साथ स्थानीय सहित समाजसेवी भी साथ दे रहे हैं. समाजसेवी सूरज झा की मानें तो ये अपने जीवनकाल में इस तरह की सेवा नहीं किये हैं जो स्वामी जी द्वारा किया जा रहा है. सूरज झा ने भी स्वामी जी के सेवा से प्रभावित होकर संकल्प लिया है कि वे भी इसी तरह की सेवा आने वाले दिनों में करेंगे.