Bihar News : आपदा प्रबंधन के लिए BSDMA का सराहनीय प्रयास, 523 पंचायतों के ग्रामीण स्वास्थ्य समन्वयकों का संवेदीकरण कार्यक्रम संपन्न

Edited By:  |
BSDMA's commendable effort for disaster management, sensitization program of rural health coordinators of 523 panchayats concluded

पटना। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) द्वारा आज राजधानी पटना स्थित ज्ञान भवन में ग्रामीण स्वास्थ्य समन्वयकों के लिए एक दिवसीय संवेदीकरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भागलपुर, लखीसराय, मुंगेर, शिवहर और शेखपुरा जिलों की 523 ग्राम पंचायतों से आए स्वास्थ्य समन्वयकों कार्यक्रम की अध्यक्षता BSDMA के माननीय उपाध्यक्ष डॉ. उदयकांत ने की, जबकि संचालन प्राधिकरण के सचिव मो. वारिस खान के स्वागत भाषण से हुआ। इस अवसर पर BSDMA के माननीय सदस्य पी. एन. राय, नरेंद्र कुमार सिंह, प्रकाश कुमार, साथ ही मेजर जनरल विकास भारद्वाज, डॉ. एल. बी. सिंह, डॉ. अंजली (महावीर कैंसर संस्थान), और डॉ. जीवन कुमार जैसी प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।

दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमें डॉ. अजीत कुमार सिंह द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात BSDMA द्वारा निर्मित जनजागरूकता फिल्म का प्रदर्शन किया गया, जिसे प्रतिभागियों ने अत्यंत प्रेरणादायक बताया।

मेजर जनरल भारद्वाज ने दिया अनुशासन और समर्पण का संदेश

अपने संबोधन में मेजर जनरल विकास भारद्वाज ने कहा, “भारतीय सेना न केवल सीमाओं की सुरक्षा करती है, बल्कि आपदा की घड़ी में नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्यों में अहम भूमिका निभाती है।” उन्होंने इस तथ्य को उल्लेखनीय बताया कि वर्ष 2017 के बाद से बिहार में सेना की प्रत्यक्ष तैनाती की आवश्यकता नहीं पड़ी है – यह BSDMA और अन्य संस्थाओं के समन्वित प्रयासों का परिणाम है।

आपदा प्रबंधन में व्यवहार परिवर्तन ज़रूरी: BSDMA

उपाध्यक्ष डॉ. उदयकांत ने कहा कि आपदा प्रबंधन केवल नीतियों से नहीं, बल्कि जनसहभागिता, अनुशासन और समयबद्ध प्रतिक्रिया से ही प्रभावी हो सकता है। उन्होंने कहा, “डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी आपदा की घड़ी में समाज के असली रक्षक होते हैं।”BSDMA सदस्य पी. एन. राय ने बिहार की आपदा संवेदनशीलता की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि राज्य को बाढ़, भूकंप, लू और वज्रपात जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने वज्रपात से बचाव हेतु ‘दामिनी’, ‘इंद्रवज्र’ और ‘सचेत’ जैसे मोबाइल एप्स के उपयोग की अपील की और बताया कि अब तक 15,000 बच्चों को सुरक्षित तैराकी और आपदा से बचाव का प्रशिक्षण दिया गया है।

SDRF द्वारा मॉक ड्रिल, प्रशिक्षण का व्यावहारिक पक्ष उजागर

कार्यक्रम में SDRF की मॉक ड्रिल ने आपातकालीन प्रतिक्रिया के व्यावहारिक पहलुओं को प्रस्तुत किया, जिससे स्वास्थ्य समन्वयकों को वास्तविक परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता का अनुभव मिला। समापन और संदेश कार्यक्रम का मंच संचालन संदीप कमल ने किया जबकि समापन OSD मो. मोइज़ उद्दीन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। मौके पर सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश तिवारी, विशेष सचिव आशुतोष सिंह सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रतिभागी मौजूद थे।