ब्रांडेड पैकेट में सरकारी चावल ! : राशन गबन का मामला ? ...जिला प्रशासन नहीं ले रहा संज्ञान

KATIHAR :कटिहार में 'सफेद' चावल का 'काला' खेल चल रहा है। जी हां जो मामला सामने आया है वो यहीं सवाल खड़ा कर रहा है कि सरकारी चावल की हेराफेरी हो रही है क्या ? और अगर मामला गबन का है तो जिला प्रशासन मूक क्यों बना हुआ है और इस मामले पर कोई संज्ञान क्यों नहीं लिया जा रहा। गंभीर मामला यहां सामने आया है जहां ब्रांडेड पैकेट में कोटा वाला चावल भर कर बेचा जा रहा है।
जिला के एक जाने माने किराना व्यवसायी को चावल व्यवसायी ने ब्रांडेड चावल के पैकेट में कंट्रोल वाला चावल डालकर ठग लिया है। दरअसल मेडिकल कॉलेज स्थित किराना व्यवसायी इसराइल अंसारी ने बताया कि उन्होंने नगर थाना क्षेत्र के नया टोला से विनोद साह के चावल दुकान से 200 पैकेट चावल खरीदा था। जिस का बिल उन्होंने दिया और उन्होंने पेमेंट ऑनलाइन माध्यम से अकाउंट में किया था। जब चावल लेकर वह अपने दुकान पहुंचे और कस्टमर को चावल देने लगे तो ब्रांडेड कंपनी के पैकेट में कंट्रोल वाला चावल निकला। जिसके कारण दुकानदार को काफी नुकसान हुआ है। लगभग 50 बोरे में कंट्रोल वाला चावल निकला है और दुकानदार का वह चावल बिक नहीं रहा है। दुकानदार ने इसकी शिकायत चावल व्यवसायी से की। लेकिन चावल व्यवसायी ने कोई संज्ञान नहीं लिया।
बता दें कि नया टोला में ब्रांडेड पैकेट में कंट्रोल का चावल मिलावट कर और उसी जगह सील कर बेचा जा रहे है। जिला प्रशासन भी इस और संज्ञान नहीं ले रहा है। किराना दुकानदार की शिकायत पर जब चावल व्यवसायी विनोद साह से बात की गई तो उनका कहना था कि चावल का लाइफ सिर्फ 20 दिन होता है। 20 दिन के बाद चावल खराब हो जाती है जब उनसे ब्रांडेड पैकेट में कंट्रोल वाले चावल मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर उस तरह का चावल गया है तो वह सभी बोरे को बदल कर फिर से नया बोरा दे देंगे।
अब सवाल यह उठता है कि सरकारी चावल को चावल कारोबारी कैसे नए पैकेट में सील कर बेच रहे हैं और इसकी जानकारी पदाधिकारी तक को नहीं है। अगर नया टोला स्थित सभी चावल कारोबारियों के यहां अगर जांच की जाए तो मामले का पता चल सकता है।
कटिहार से रितेश रंजन की रिपोर्ट ...
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