BIHAR POLITICS : महागठबंधन की इस बैठक में बिना बोले बता दिया गया कौन होगा सीएम फेस! क्या मुकेश सहनी को साइड कर दिया गया ? VIP वाले ‘VIP’ नहीं रहे?

PATNA : बिहार के चुनावी समर में साथ मिल कर महागठबंधन इस कोशिश में है कि सीएम की कुर्सी पर नीतीश कुमार को इस बार बैठने नहीं दिया जाए, लेकिन ये भी साफ नहीं किया जा रहा कि NDA को रोक दिया गया तो खाली हुई कुर्सी किसके लिए सिंहासन बनेगी।
भले ही नेता ये बोल नहीं रहे, पर हम आपको बिन बोले जो संदेश महागठबंधन की ओर से साफ साफ प्रसारित किया गया, कार्यकर्ताओं तक पहुंचाया गया, और खुले मंच से मुंह बंद रख कर भी मानो बोल दिया गया, वो बता देते हैं, बताएं क्या चलिए दिखा ही देते हैं। इस तस्वीर को आप देख रहे हैं, तो जरा ध्यान से देखिए और बताइए कुछ खास दिखा क्या ?
बिल्कुल सही देख रहे हैं आप, सबसे पहली बैठक के बाद का प्रेस कॉन्फ्रेंस जब हुआ था तब की तस्वीर याद कीजिए। चलिए आपकी सुविधा के लिए नीचे हम उस तस्वीर को भी लगा देते हैं, तो एक नजर इसपर भी डालिए, फिर अगली बैठक में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली थी। हम दिखाना ये चाह रहे हैं कि सेंटर में हर फ्रेम में तेजस्वी यादव हैं, इसमें कोई संदेह नहीं और इसका संकेत समझना भी मुश्किल नहीं।
रविवार को हुई बैठक में तेजस्वी यादव तो सेंटर में बन रहे, इससे पहले की बैठक और उससे पहले हर अवसर पर तेजस्वी सेंटर फ्रेम की जगह पर जमे दिखे, लेकिन उनके बगल की जगह जो VIP थी, जिस जगह पर VIP यानि कि विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी अपने लिए आरक्षित मान रहे थे, चुनाव के बाद तेजस्वी के सीएम बनने पर खुद के लिए डिप्टी सीएम की कुर्सी मांग रहे थे, वो रविवार को हुई बैठक में किनारे लगा दिए गए ! ये हम अपनी तरफ से नहीं कह रहे, बल्कि तस्वीर सामने आने के बाद सुनी जा रही फुसफुसाहट ही आपको बता रहे हैं। तेजस्वी के बगल वाली कुर्सी पर मुकेश सहनी के बजाए, प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और दूसरी ओर माले नेता दिपांकर भट्टाचार्य कुर्सी संभाले नजर आए। इसलिए चर्चा का बाजार गर्म है, पर यहां ये ध्यान देने जरूरी है कि तेजस्वी के बगल में इन दोनों नेताओं को उनके कद के अनुसार कुर्सी दे कर मंच की मर्यादा का पालन ही किया जाना कहा जाएगा, एक कांग्रेस प्रभारी, दूसरे वाम दल के केन्द्रीय स्तर के प्रमुख तो ऐसे में स्टेट के लीडर को मंच पर उनके बाद ही जगह मिलेगी, ये मंच की आम मर्यादा कही जा सकती है, लेकिन राजनीति में मौका मिला नहीं की चर्चा का बाजार गर्म हो जाता है। चलिए अब बिन बोले सीएम फेस का मैसेज कैसे दिया गया, इसपर भी बात कर लेते हैं, तो ये संदेश भी मंच से ही प्रसारित किया गया। एक बार फिर आपसे कहेंगे की मंच वाली तस्वीर को ध्यान से देखा जाए। नीचे आपकी सहूलियत के लिए पूरे मंच की तस्वीर लगा रहे हैं।
आपने किसी भी कार्यक्रम का कोई भी बैनर पोस्टर कहीं भी देखा होगा तो उसमें नेताओं की भरमार दिखी होगी, नहीं ध्यान दिया होगा तो आज जब सड़क पर कोई सियासी पोस्टर पर नजर जाए तो ध्यान दीजिएगा। पार्टी प्रमुख के साथ स्थानीय नेताओं की भीड़ उनकी तस्वीर का स्थान और तस्वीर का साइज, उनका कद, पद और प्रतिष्ठा के समानुपात होता है। उस आधार पर अगर आप मंच पर मौजूद बैनर में छपी तस्वीर को तलाशेंगे तो गठबंधन के सहयोगी दलों की पहचान के लिए पार्टी सिम्बल तो दिखेगा, लेकिन उन पार्टियों के लिए नेतृत्व कारी चेहरा किसका होगा ये भी देख लीजिए। क्या आपको तेजस्वी के अलावे और कोई चेहरा मंच पर मौजूद बैनर में देखने को मिल रहा है, और भले कोई कुछ बोले नहीं पर किसी ने इसपर आपत्ति भी नहीं जताई और अगर किसी ने ध्यान नहीं दिया, इसका मतलब नहीं समझ पा रहे हैं तो ये उनकी समझदारी है, महागठबंन के इस न्यूट्रल वेन्यू पर मंच से जो कहा गया, वो अलग जो बिना कहे संदेश दिया गया, वो साफ साफ बता रहा कि तेजस्वी के सिवा दूसरा कोई नेतृत्व करने वाला इस खेमें में मौजूद नहीं है। आप क्या कहना चाहेंगे इसपर कमेंट सेक्शन में अपनी राय जरूर साझा करें।
दीपक शर्मा, सीनियर एंकर, प्रोड्यूसर