अमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन : “इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांसेज़ इन कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (ICACSET 2025)” का आयोजन

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रांची:अमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड ने3दिसंबर2025को अपने दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांसेज़ इन कंप्यूटर साइंस,इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (ICACSET 2025)का शुभारंभ किया. यह आयोजन झारखंड सेंटर फॉर साइंस,टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन (JCSTI),उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग,झारखंड सरकार के सहयोग से हुआ. यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष एवं कुलाधिपति के आशीर्वाद से प्रारंभ हुआ.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सुदिव्य कुमार,मंत्री,उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग,झारखंड सरकार ने कहा,“रांची में इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन होना गर्व की बात है. बदलते परिदृश्य में शिक्षा के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण विषय है. हमने तकनीकी प्रगति के विभिन्न चरण देखे हैं. गुरुकुल काल के बाद भारत की शिक्षा प्रणाली निजीकरण की ओर अग्रसर हो रही है.”

उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के दो पहलू होते हैं—एक सीखना और दूसरा पढ़ाई करना.

उन्होंने उद्धृत किया, “सीखने की इच्छा होना आवश्यक है.”

उन्होंने आगे कहा,“कल्याणकारी सरकार और कल्याणकारी राज्य का प्राथमिक कार्य जनता को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना है. ऐसे समय में सरकार और निजी क्षेत्र के बीच बेहतर संबंध बनाए रखना आवश्यक है.”

अतिथि विशेष करुणा निधि सिंह,डिवीजनलरेलवे मैनेजर,रांची डिविजन,दक्षिण पूर्व रेलवे ने कहा,“रेलवेसंगठन अनेक अत्याधुनिक तकनीकों पर निर्भर है. हमारे सामने कई चुनौतियाँ हैं,और इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कई समाधान प्रस्तुत करते हैं.”

एक अन्य अतिथि विशेष,डॉ. राजीव श्रीवास्तव,निदेशक,इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन,रांची ने कहा,“कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग समाज के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करता है—चाहे रक्षा हो,स्वास्थ्य हो या कोई अन्य क्षेत्र. हमें समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचते हुए उनके हित में कार्य करना चाहिए.”

अतिथि विशेष,डॉ. अंकित आर. पटेल,यूनिवर्सिटी ऑफ मिन्हो,गुइमारेस,पुर्तगाल ने डिजिटलाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन के युग पर प्रकाश डाला.

अमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड के कुलपति डॉ. अशोक के. श्रीवास्तव ने कहा,“यह सम्मेलन समाज के विभिन्न गुणों और आवश्यकताओं पर केंद्रित है. अमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड प्रॉब्लम–प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग (PPBL)पर ध्यान देती है. हम जिस भी प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर काम करते हैं,उसमें झारखंड के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है—चाहे वह नवाचार हो,इनक्यूबेशन हो या उद्यमिता.”