जमुई सदर अस्पताल में मोबाइल टॉर्च से उपचार : एक घंटे तक बिजली गुल रहने से उजागर हुई स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां, जनरेटर होते हुए भी नहीं मिली राहत
जमुई।जिले का सदर अस्पताल एक बार फिर अपनी बदहाल व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है। सुबह इमरजेंसी वार्ड में करीब एक घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही, जिससे मरीजों की जान पर बन आई। हालात ऐसे हो गए कि डॉक्टर और उनके सहयोगियों के द्वारा मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर इलाज करना पड़ा। इस दौरान आग से झुलसे एक युवक का उपचार भी मोबाइल की रोशनी में किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बताया जा रहा है कि बिजली गुल होने का कारण तकनीकी खराबी था, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अस्पताल में मौजूद महंगे जनरेटर आखिर किस काम के हैं। बिजली कटने के बाद भी जनरेटर चालू नहीं किए गए, जिससे इमरजेंसी वार्ड अंधेरे में डूबा रहा। मरीजों के परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही खुलकर सामने आई।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि चार से पांच मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे हैं। परिजन नुनु खान ने बताया कि बिजली नहीं रहने के कारण अंधेरे में ही इलाज किया गया। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में मरीज के साथ-साथ डॉक्टर और कर्मचारियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
वहीं, सदर अस्पताल के मैनेजर रमेश पांडेय ने बताया कि तकनीकी समस्या के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसे जल्द ही ठीक कर लिया गया। हालांकि, इस घटना ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों और आपात हालात से निपटने की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।