राज्य की बेटियों को मिलेगी नई पहचान : अब पिंक बस की स्टियरिंग संभालेंगी महिलाएं, निगम ने मांगे आवेदन, मिलेगा ट्रेनिंग का मौका भी
पटना:- बिहार राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा राज्य के विभिन्न शहरों में पूर्णतः महिला संचालित ‘पिंक बस’ सेवा की पहल की गई है, जिसके लिए महिला चालकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। इच्छुक महिलाएं15दिसंबर2025तक आवेदन कर सकती हैं। चयनित प्रतिभागियों को20जनवरी2026से दो सप्ताह का प्रशिक्षण मिलेगा, जोIDTR औरंगाबाद प्रशिक्षण स्कूल में होगा। निगम द्वारा प्रशिक्षण के दौरान रहने-खाने की पूरी व्यवस्था की जाएगी और सफल प्रशिक्षणार्थियों को संविदा पर नियोजन का मौका भी मिलेगा।
इस योजना के लिए महिला अभ्यर्थी काHMV याLMV ड्राइविंग लाइसेंस तथा तीन वर्ष का ड्राइविंग अनुभव होना अनिवार्य है। योग्यता आयु21से40वर्ष रखी गई है, जो1जनवरी2026तक मान्य होगी।LMV लाइसेंस धारकों को निगम द्वाराHMV लाइसेंस हेतु परीक्षा दिलवाने की मदद भी की जाएगी।
बता दें कि16मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने20पिंक बसों को हरी झंडी दिखाई थी, जिनमें से अभी8बसें पटना, 4मुजफ्फरपुर, और2-2बसें दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया और गया में संचालित हो रही हैं। दूसरे चरण में पटना में22, मुजफ्फरपुर में16, दरभंगा में13, पूर्णिया और भागलपुर में8-8, और गया में13बस चलाने की योजना है। इससे सूबे में कुल100पिंक बसों का संचालन हो रहा है।
ये सभी पिंक बसें पर्यावरण के अनुकूल सीएनजी से संचालित हैं और महिलाओं की सुविधा के लिए कई आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। बसों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई गई है, जिससे महिलाएं केवल5रुपये में सैनिटरी पैड खरीद सकती हैं। इसके अलावा, बसों में कैमरा, पैनिक बटन, जीपीएस ट्रैकर, चार्जिंग पॉइंट, माइक, गर्भनिरोधक गोलियां और म्यूजिक सिस्टम जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
इन बसों के चालक और कंडक्टर दोनों ही महिलाएं होंगी ताकि महिलाओं की यात्रा न सिर्फ सुरक्षित, बल्कि प्रेरक भी हो। बीएसआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया जैसे शहरों में इस सेवा की शुरुआत हुई है, जहां विशेष रूप से घरेलू, छात्रा और कामकाजी महिलाओं की सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
आवेदन की प्रक्रिया से जुड़ी अधिक जानकारी निगम की वेबसाइट एवं स्थानीय परिवहन कार्यालय में उपलब्ध है। पिंक बस योजना बिहार की बेटियों के लिए न सिर्फ रोजगार का मौका है, बल्कि यह उनकी पहचान और हौसले को नया आयाम भी देगा।