जानें वो कौन-सा देश जहां तुम चले गए... : फिर याद आये 'गजल सम्राट', जगजीत सिंह का जन्मदिन आज

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 Know which country you went to... Remember again 'Ghazal Samrat', Jagjit Singh's birthday today

DESK : मखमली आवाज़ के बादशाह, गजल सम्राट और गजल किंग जैसी कई उपाधियों से नवाजे गये जगजीत सिंह की आज जन्मतिथि है। अपनी मदहोश कर देने वाली आवाज़ से गजल की दुनिया में नाम कमाने वाले 'गजल सम्राट’ जगजीत सिंह को उनके लाखों प्रशंसक याद करते हुए नमन कर रहे हैं।


रुहानी गजलों के सम्राट का जन्मदिन आज

जगजीत सिंह, एक ऐसा नाम जो निराशा में डूबे लोगों के लिए सहारा थे। तमाम झंझावतों से खुद जूझने वाले जगजीत सिंह अपने प्रशंसकों का बेहद ख्याल रखते थे और अपनी गजलों के जरिए उनका दर्द बांट लेते थे। कम ही लोग जानते है कि उन्होंने अपनी निजी जिंदगी में भी कई तूफानों को झेला था लेकिन फिर भी उन्होंने गाने से मुंह नहीं मोड़ा और अपनी रुहानी गजलों के जरिए प्रशंसकों का मनोरंजन करते रहे।

..जब बेटे की मौत से टूट गये थे गजल सम्राट

"गजल किंग" जगजीत सिंह की दुनिया उस वक्त उज़ड़ गयी, जब उनके इकलौते बेटे विवेक सिंह की महज 21 साल की उम्र में भीषण कार हादसे में मौत हो गयी। बेटे के काल के गाल में समाने के बाद मखमली आवाज़ का जादूगर पूरी तरह टूट गया और फिर कई सालों तक उन्होंने अपने पसंदीदा काम को छोड़ दिया। उन्होंने गाना बंद कर दिया। यहां तक कि उनकी पत्नी चित्रा सिंह ने भी बेटे की मौत के बाद कभी कोई गाना नहीं गाया।

चिट्ठी ना कोई संदेश...जाने वो कौन-सा देश

बेटे विवेक सिंह की मौत के कई सालों के बाद प्रशंसकों की गुजारिश पर जगजीत सिंह ने एकबार फिर गजल की दुनिया में कदम रखा और आते ही धमाल मचा दिया। उनके गाने में अक्सर बेटे के जाने का ग़म झलकता रहा। कहा जाता है कि साल 1998 में आयी फिल्म 'दुश्मन' का गाना "चिट्ठी ना कोई संदेश, जाने वो कौन-सा देश" जगजीत ने अपने बेटे की याद में ही गया था। इस गाने के अंदर प्यार और दुलार के साथ दर्द और आंसू को भी महसूस किया जा सकता है।

अपनी जादुई आवाज़ से लोगों का दिल चीर देने वाले जगजीत सिंह के कई अनसुने किस्से हैं, जिन्हें बतौर प्रशंसक जानना बेहद जरूरी है। 10 अक्टूबर 2011 को दुनिया को अलविदा कहने वाले जगजीत सिंह हर आशिक के दिल में बसते थे। आज उनकी जन्मतिथि है लिहाजा आइए जानते हैं जगजीत सिंह से जुड़े कई अनसुने किस्से।

बेटे की मौत का हो गया था आभास

रिपोर्ट्स के मुताबिक 'गजल सम्राट' जगजीत सिंह को अपने इकलौते बेटे विवेक सिंह की मौत का आभास हो गया, तब वे एक कॉन्सर्ट में गजल गा रहे थे, तभी गाते-गाते अचानक से रोने लगे। कहा जाता है कि एक पार्टी में वे गजल गा रहे थे और ये पार्टी अंतिम पड़ाव पर थी, तब अभिनेत्री अंजू महेंद्रू ने जगजीत सिंह से फरमाइश की कि वो एक ग़ज़ल ‘दर्द से मेरा दामन भर दे’ एक बार सुना दें। हालांकि, उस वक्त जगजीत सिंह ग़ज़ल गाने के मूड में नहीं थे लेकिन किसी की फरमाइश को अधूरा छोड़कर जाना मुनासिब नहीं समझा लिहाजा उन्होंने ये ग़ज़ल गाना शुरू कर दिया। इस गाने के दौरान लगातार उनकी आंखों से आंसू बहते रहे लेकिन फिर भी गाते रहे।

जगजीत सिंह को उस वक्त रोता देख लोगों ने जब पूछा तो उन्होंने कहा कि मन घबरा रहा है। इस घटना के कुछ देर बाद ही उन्हें उनके बेटे की मौत की ख़बर मिली थी। इस घटना के बाद जगजीत सिंह और चित्रा सिंह पूरी तरह से टूट गये और फिर कई सालों तक उन्होंने गजल की दुनिया से मुंह मोड़ लिया था लेकिन जब कमबैक किया तो धांसू तरीके से किया और फिर उन्होंने 'चिट्ठी ना कोई संदेश' गाकर लोगों का दिल जीत लिया।

गजल सुनने के लिए 30 मिनट लेट हुई थी विमान की लैंडिंग

राजस्थान के गंगानगर में जन्में गजलों के महारथी के बारे में एक किस्सा काफी मशहूर है कि जब वे PIA यानी पाकिस्तान इंटरनेशनल की फ्लाइट से कराची से दिल्ली लौट रहे थे, तब क्रू मेंबर्स को इस बात की जानकारी मिली कि उनके साथ मखमली आवाज़ के जादूगर जगजीत सिंह सफर कर रहे हैं। फिर क्या था, विमान कर्मियों की उत्सुकता बढ़ गयी और वे लगातार फ्लाइट में गजल सुनाने की गुजारिश करने लगे।

विमान कर्मियों के इस अनुरोध के बाद जगजीत सिंह भी मान गये और वे फ्लाइट में ही एक के बाद एक गजल सुनाए। कहा जाता है कि जब वो गजल सुना रहे थे, तब विमान के पायलट ने ATC से संपर्क कर कहा कि वो विमान को आधे घंटे तक हवा में ही रखेंगे, उस दिन PIA के विमान ने दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्धारित वक्त से आधे घंटे की देरी से फ्लाइट की लैंडिंग करायी थी।

फिल्म के सांग गाने पर हुई थी पिटाई

'गजल सम्राट' जगजीत सिंह का असली नाम जगमोहन सिंह धीमान था, जिसे उनके पिता ने एक पुजारी के कहने पर बदल दिया था। बाद में जगजीत सिंह के पिता ने उन्हें म्यूजिक में ट्रेनिंग के लिए दो साल के लिए छगनलाल शर्मा के पास भेज दिया था। जगजीत सिंह के पिता सिख धर्म से प्रभावित थे लिहाजा उन्होंने सिख धर्म अपना लिया था।

जगजीत सिंह के पिता उन्हें म्यूजिक सिखाना चाहते थे और गुरुवाणी का पाठ कराना चाहते थे। वे चाहते थे कि उनका बेटा जगमोहन गुरुद्वारों में 'शबद कीर्तन' करे, उन्होंने जगजीत सिंह को बाकायदा संगीत की शिक्षा दिलायी। एक बार ऐसा हुआ कि जगमोहन यानी जगजीत सिंह के मुंह से फिल्मी गीत निकल गया और पिता ने उनकी जमकर पिटाई की थी।

30 रुपये में हुई थी जगजीत सिंह-चित्रा की शादी

गजल सम्राट जगजीत सिंह और चित्रा की लवस्टोरी काफी दिलचस्प है। गजल प्रेमियों के बीच अक्सर इसकी चर्चा भी होती है। कहा जाता है कि जगजीत सिंह और चित्रा की पहली मुलाकात एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में हुई थी। वह एक म्यूजिक डायरेक्टर और कुछ सिंगर्स के साथ एक प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहे थे। चित्रा ने बताया कि जब उन्होंने स्टूडियो का गेट खोला तो जगजीत सिंह उसके गेट पर हाथ टिका कर खड़े थे।

तब चित्रा सिंह ने जगजीत सिंह के साथ गाना गाने से मना कर दिया था और कहा था कि उनकी आवाज़ बहुत भारी है। वह किसी भी सूरत में उनके साथ नहीं गा पाएंगी लेकिन आने वाले वक्त में चित्रा और जगजीत सिंह की जोड़ी ने गजलों को नया आयाम दिया और फिर धीरे-धीरे दोनों का इश्क परवान चढ़ने लगा। इसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। फिर क्या था, आनन-फानन में दोनों ने शादी कर ली। इस संबंध में कहा जाता है कि दोनों की शादी मात्र 30 रुपये के खर्च में पूरी हो गयी थी और इसके लिए मात्र दो मिनट का वक्त लगा था।