झंझारपुर में जज का अनोखा फैसला : दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को गांव की महिलाओं का कपड़ा मुफ्त में धोने की शर्त पर दी जमानत

MADHUBANI:-अपने अनोखे फैसले के लिए प्रसिद्ध जज अविनाश कुमार ने एक बार फिर से अलग तरह का फैसला सुनाया है और दुष्कर्म के आरोपी को छह महीना तक अपने गांव की सभी महिलाओं को कपड़ा मुफ्त में साप करने और फिर से आयरन कर घर तक पहुंचाने की शर्त पर नियमित जमानत दे दी है।जज अविनाश के इस फैसले की चर्चा जिले के साथ पूरे राज्य में हो रही है।
दरअसलझंझारपुर न्यायालय के एडीजे-1 अविनाश पवार की कोर्ट में लौकहा थाना कांड संख्या130/2021की सुनवाई चल रही है।इस मामले में एक युवक पर 17 अप्रैल को गांव की महिला के साथ अभद्र व्यवहार करने और दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप लगा था, जिसके बाद लौकहा पुलिस ने उसे19अप्रैल को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था।इस मामले में आरोपी युवक उस समय से न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है।
इस मामले में आरोपी युवक के वकील ने कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की और जमानत याचिका पर बहस करते हुए वकील ने बहस के दौरान कहा कि उनका मुवक्किल मात्र20वर्ष का है।इस मामले में पुलिस की जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट भी जमा हो चुका है।दोनों पक्ष की ओर से समझौता का आवेदन भी दिया गया है।इस समझौते के अनुसार उक्त महिला अब इस केस आगे प्रोसीड नहीं करना चाहती है।इसलिए उनके मुवक्किल को जमानत दी जाय।सके साथ ही अधिवक्ता का कहना था कि उनका मुवक्किल जो धोबी समाज से आता है जोल से निकलकर वह समाज की सेवा करना चाहता है।
बचाव पक्ष वकील की जिरह के बाद जज अविनाश पवार ने लीक से हटकर फैसला सुनाया है।जज ने इस शर्त पर आरोपी युवक को जमानत दी है कि रिहा होने के बाद युवक अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े मुफ्त में साफ करेगा और आयरन कर उन्हें वापस लौटाएगा। यह कार्य उसे लगातार6महीने तक मुफ्त में करना होगा।इसके साथ ही उसे10हजार केदो जमानतदार और अपने गांव के मुखिया या सरपंच अथवा किसी भी सम्मानित सरकारी कर्मी से6महीना तक मुफ्त सेवा करने का प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में समर्पित होगा।जमानत की कॉपी गांव के सरपंच और मुखिया को भी भेजे जाने का निर्देश दिया है ताकि जमानत पर रिहा होने वाले युवक के अपने गांव में महिलाओं को फ्री सेवा देने पर नजर रख सकेगें।
इससे पहले भी एडीजे अविनाश पवार ने ऐसे फैसले दिये हैं जिसमे समाज सुधार की पहल होती हुई दिखती है।मारपीट के एक आरोपी को अपने घर के आस-पास के नाला की नियमित सफाई की शर्त पर जमानत दी थी
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