JHARKHAND NEWS : ‘अबुआ आजीविका संवाद’ कार्यक्रम में मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने झारखण्ड एवं अन्य राज्यों से आई महिला उद्यमियों से किया संवाद
रांची: झारखंडस्टेट लाईवलीहुड प्रोमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस) एवं नाबार्ड के संयुक्त प्रयास से रांची स्थित स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट (SIRD) में ‘अबुआ आजीविका संवाद कार्यक्रम’ का सफल आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेयसिंह ने की. इस अवसर पर के. श्रीनिवासन, सचिव – ग्रामीण विकास विभाग, अनन्य मित्तल, सीईओ – जेएसएलपीएस, एवं दीपमाला घोष, सीजीएम – नाबार्ड उपस्थित रहीं.
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य झारखण्ड एवं अन्य राज्यों से आई ग्रामीण महिला उद्यमियों से संवाद स्थापित कर उनके अनुभवों को साझा करना और उनकी अपेक्षाओं को समझना था,ताकि सरकार इन क्षेत्रों में सहयोग कर सके. यह एक महत्वपूर्ण अनुभव-साझा पहल रही.
“पलाश मार्ट की तर्ज पर ‘पलाश हाट’ पर सरकार करेगी विचार,जिससे ग्रामीण महिला उद्यमियों के उत्पादों को मिलेगा व्यापक बाजार”–दीपिका पाण्डेय सिंह,मंत्री,ग्रामीण विकास विभाग.
महिलाओं से संवाद के उपरांत मंत्री ने कहा कि आज ग्रामीण महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित कर रही हैं यह अत्यंत गर्व की बात है. जेएसएलपीएस द्वारा सखी मंडल के माध्यम से महिलाओं को संगठित कर उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आया है.
राज्य सरकार अबुआ आजीविका को लेकर गंभीर है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं महिलाओं की आजीविका से जुड़ी पहलों एवं पलाश ब्रांड के विस्तार हेतु निरंतर प्रोत्साहित करते रहे हैं. संवाद के दौरान अवसंरचना, विपणन (मार्केटिंग) एवं क्रय (प्रोक्योरमेंट) संबंधी चुनौतियों की पहचान की गई, जिन पर सरकार ठोस कदम उठाएगी. साथ ही औद्योगिक सेटअप विकसित कर उद्यमिता को और बढ़ावा देना तथा बैंकिंग से जुड़ी अड़चनों को दूर करना सरकार की प्राथमिकता होगी.
“पलाश ब्रांड के तहत महिलाओं के बने उत्पादों का एकीकरण और व्यावसायीकरण आवश्यक” – के. श्रीनिवासन
सचिव के. श्रीनिवासन ने कहा कि स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं संगठित होकर अनुशासित वित्तीय लेन-देन कर रही है और ऋण सहायता से विभिन्न उत्पादों का निर्माण कर रही है. अब आवश्यकता है कि इन उत्पादों को मजबूत विपणन तंत्र मिले. इसी दिशा में रांची में पलाश मॉल की स्थापना की जा रही है,जो शीघ्र प्रारंभ होगा. आगे सभी जिला मुख्यालयों में भी ऐसी पहल की योजना है. इस विजन के साथ हम ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं,जिसमें नारी शक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.
“ब्रांड पलाश और अदिवा के फीडबैक मैकेनिज्म पर काम करते हुए आय वृद्धि करना लक्ष्य” – अनन्य मित्तल
सीईओ अनन्य मित्तल ने कहा कि इस वर्ष ब्रांड पलाश और अदिवा के फीडबैक मैकेनिज्म को सशक्त किया जा रहा है. उत्पादों की सप्लाई चेन को मजबूत करना हमारी जिम्मेदारी है. ग्राम स्तर पर भी उपभोग बढ़ेगा,जिससे महिलाओं की आय में वृद्धि होगी.
“महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने में नाबार्ड की महत्त्वपूर्ण भूमिका” – दीपमाला घोष,सीजीएम,नाबार्ड
नाबार्ड द्वारा महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए कई पहलें की गई हैं. आगे हमारा लक्ष्य घरेलु उद्यमों को व्यवसायिक स्तर तक ले जाने हेतु गुणवत्ता सुनिश्चित करना है. नाबार्ड लगातार एफपीओ को प्रोत्साहित कर रहा है,और बाजार से जोड़ने के लिए ग्राम दुकान एवं रूरल मार्ट जैसी पहलें की जा रही है. बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से ग्रामीण व्यवसाय को और सशक्त बनाया जा सकता है.
कार्यक्रम में जसोवा मेला में स्टॉल लगाने वाली विभिन्न जिलों की नाबार्ड से जुड़ी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों (FPOs)की महिलाएं एवं जेएसएलपीएस से जुड़ी महिला उद्यमी भी इस संवाद में सहभागी रहीं. उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए उद्यमिता से जुड़ी चुनौतियों से गणमान्य अतिथियों को अवगत कराया. इस दौरान नाबार्ड, जेएसएलपीएस एवंSIRDके कर्मी भी उपस्थित रहें.