'जन सुराज नहीं...धन का राज!' : प्रशांत किशोर पर JDU का तीखा प्रहार, कहा : पार्टी फंडिंग में भारी गड़बड़ी, गांधी के नाम पर धोखा...बिहार नहीं देगा मौका
PATNA :चुनावी साल में प्रवेश करते ही अब बिहार की सियासी फिजां बदलने लगी है। बिहार की राजनीतिक पार्टियों के बीच अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और नये-नये खुलासे करने का दावा किया जाने लगा है या यूं कहें कि बिहार की सियासत में जुबानी जंग तेज हो गई है।
'जन सुराज नहीं...धन का राज!'
दरअसल, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने घेरना शुरू कर दिया है और उनके खिलाफ कई बड़े खुलासे करने का दावा किया है। JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह राजनीति नहीं, बल्कि धंधा कर रहे हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर पर गंभीर आरोप लगाया है और उनकी पार्टी की वित्तीय पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जन सुराज वास्तव में "जन स्वराज नहीं बल्कि धन का राज" है।
"पार्टी फंडिंग में भारी गड़बड़ी"
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने सवाल उठाया कि "लोकतंत्र के नाम पर कंपनी राज बिहार को स्वीकार नहीं है।" उन्होंने दावा किया कि जन सुराज को फंडिंग करने वाली संस्था 'जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन ट्रस्ट' है, जिसका ऑफिस बेंगलुरु में है लेकिन इस ट्रस्ट को पैसा कौन दे रहा है, इसका कोई हिसाब नहीं है।
उन्होंने मांग की कि प्रशांत किशोर अपनी पार्टी का अकाउंट नंबर सार्वजनिक करें, जिससे साफ हो सके कि फंडिंग कहां से हो रही है। JDU प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कोई भी कंपनी किसी राजनीतिक दल को संचालित नहीं कर सकती। उन्होंने दावा किया कि प्रशांत किशोर की पार्टी को कोई कॉरपोरेट फर्म चला रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।
नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर को दी चुनौती
नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह सच में जनता के लिए राजनीति कर रहे हैं तो अपनी पार्टी की फंडिंग से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक करें।
प्रशांत किशोर पर लगे गंभीर आरोप:
1. पार्टी रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी :
- 8 अगस्त 2022 को जन सुराज पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराया गया।
- पार्टी के कोषाध्यक्ष के तौर पर अजीत सिंह (पिता: स्व. रमेश सिंह) का नाम दिया गया।
- सवाल उठाया गया कि "अब अजीत सिंह कहां हैं? प्रशांत किशोर को इसका जवाब देना चाहिए।"
2. फंडिंग का रहस्य:
- जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन ट्रस्ट ने जन सुराज को फंड दिया।
- 2023-24 में इस ट्रस्ट को 48 करोड़ का डोनेशन मिला।
- सबसे ज्यादा फंडिंग राम सेतु इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी से आई।
- प्रशांत किशोर ने खुद अपने फाउंडेशन को 50 लाख रुपये डोनेट किए।
3. कानूनी सवाल : इसके साथ ही जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि "चैरिटी ट्रस्ट के माध्यम से राजनीतिक पार्टी को फंड देना कंपनी एक्ट का उल्लंघन है।" उन्होंने प्रशांत किशोर को 9 फरवरी तक जवाब देने का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि अगर प्रशांत किशोर नहीं बोलते हैं तो वह खुद इसका पूरा खुलासा करेंगे।
नीरज कुमार ने कहा कि "यह खुलासा अभी पहला पार्ट है, जल्द ही पूरे सबूत जनता के सामने रखे जाएंगे।" उन्होंने सवाल किया कि "प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2024 को पार्टी की घोषणा करने की बात कही थी लेकिन असली जन सुराज कहां है?"
क्या प्रशांत किशोर इन आरोपों का जवाब देंगे?
अब सबकी नजरें प्रशांत किशोर पर टिकी हैं कि वे इन गंभीर आरोपों का क्या जवाब देते हैं। जदयू ने उन्हें 72 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद नीरज कुमार आगे और खुलासे करने की बात कह रहे हैं।