बेटी की याद में पिता ने पेश की मिसाल : धर्मशाला बना कांवरियों को दे रहे छांव, खबर पढ़ हैरान रह जायेंगे आप
मुंगेर : खबर है मुंगेर से जहां एक पिता ने बेटी की आकस्मिक मौत के बाद उसकी याद में एक मिसाल पेश की है। मुंगेर से देवघर जाने वाले रास्ते में पिता ने एक धर्मशाला बनवाया है ताकि इस धर्मशाला में आने वाले कांवरिया को उनकी बेटी प्रियंका का नाम याद रहे। आपको बता दें कि इस धर्मशाला में कांवरियों को मुफ्त सेवा दी जा रही है।
बेटी की मौत के बाद उसकी पढ़ाई और शादी के लिए जमा पैसे से जमीन खरीदकर सहरसा निवासी गोपाल झा ने मुंगेर से देवघर जाने वाले रास्ते में धर्मशाला बनाया हैं। ताकि इस धर्मशाला में आने वाले कांवरिया को उनकी बेटी प्रियंका का नाम याद रहे। पिता-पुत्री के प्रेम और शिव भक्ति का यह अनूठा उदाहरण मुंगेर के संग्रामपुर प्रखंड के गोविंदपुर गांव से सामने आया है।
धर्मशाला बनाने वाले गोपाल झा और उनकी पत्नी सुनीता देवी धर्मशाला निर्माण के आगे का काम करवा रहे हैं। गोपाल ने बताया कि मेरी प्यारी छोटी बेटी प्रियंका मेरा अभिमान थी। पढ़ाई से लेकर हर क्षेत्र में वह होनहार थी। पर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। गोपाल ने बताया छोटी बेटी प्रियंका डॉक्टर बनना चाहती थी। लेकिन उसके दाहिने उंगली में कभी-कभी तेज दर्द होता था। जिसका इलाज दिल्ली एम्स तक कराया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पार्ट-2 में पढ़ाई के दौरान वर्ष 2011 में एक सितंबर को प्रियंका की मृत्यु हो गई। प्रियंका के मृत्यु के बाद हम दोनों विचलित हो गए। धीरे-धीरे इस दुख से उबरने के लिए मैंने भगवान की भक्ति का सहारा लेना शुरू किया। हर माह कांवर यात्रा शुरू कर दी।
पिता गोपाल झा ने बताया कि मैं बेहद साधारण परिवार से हूं। लेकिन प्रियंका के भविष्य के लिए जमा की गई पूंजी से उसके गुजर जाने के बाद मैंने अपने गांव सिहौल में एक पार्वती मंदिर का निर्माण करवाया। इसके बाद धर्मशाला बनवाया हूं। इसका उद्देश्य सिर्फ इतना था कि धर्मशाला में आने वाले कांवरिया याद यह रखें कि मेरी एक प्रियंका नाम की बिटिया भी थी। शुरुआत में मैंने इस जगह पर बेसमेंट सहित दो कमरे का निर्माण करवाया। उसके उपरांत लोगों का भी जन सहयोग मिलने लगा जिसके परिणाम स्वरूप धर्मशाला बनाया।
उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि तीन मंजिल का यह धर्मशाला बने। निर्माण काम की देखरेख के लिए गोपाल पत्नी के साथ मुंगेर में जमे है। उन्होंने बताया कि कोरोना को देखते हुए पूरा सावन महीना तक धर्मशाला के अंदर मास्क, सेनेटाइजर की व्यवस्था है। इसके अलावे मेडिकल केम्प की सुविधा भी निःशुल्क रहेगी। इतना ही नहीं सावन से लेकर भादौ महीने के पूर्णिमा तक धर्मशाला में कांवरिया के लिए रहना, खाना, शौचालय, स्नान, मेडिकल सहित सभी प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
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