फरकिया में फिर बंदूकें गरजने से लोगों में हड़कंप, रामानंद यादव और अशोक यादव की यादें हो गई ताजा

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KHAGADIYA: एक छोटी सी घटना के कारण खगड़िया का पूर्वी ठाठा गांव एक महीने के अंदर आधा दर्जन हत्या करने के बाद भी उसके हत्यारे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस बेबस होकर तमाशा देख रही है. बंदूक के बल पर जबरन कब्जा करने में चर्चित रहा खगड़िया जिले का फरकिया इलाका एक बार फिर धधक उठा है. वहां अपराधियों की बंदूकें गरज रही है और पुलिस बेबस नजर आ रही है.

मामला खगड़िया जिले के पूर्वी ठाठा पंचायत का है जहां एक महीने के अंदर 5 लोगों की हत्या कर दी गई है और मुख्य आरोपी खुलेआम घूम रहा है. जानकारी के मुताबिक इस घटना में राजनीतिक वर्चस्व कायम करने के लिये दो पूर्व मुखिया परिवार ब्रजनंदन यादव और अमोद यादव का परिवार और उनके समर्थकों की बलि चढ गयी है. पहले से एक दूसरे के राजनीतिक प्रतिद्वंदी रहे ब्रजनंदन यादव और अमोद यादव पड़ोसी ही नहीं संबंधी भी थे. लेकिन एक छोटी सी चिंगारी से दोनों परिवर जलकर राख होने के कगार पर है.

इसकी शुरूआत एक कपड़ा व्यवसायी के साथ मारपीट की घटना से तब हुई जब अमोद यादव के भाई विनोद यादव ने उस व्यवसायी को पीट दिया. इस घटना का लाभ उठाकर ब्रजनंदन यादव ने पुलिस पर दबाव बनाकर विनोद यादव को जेल भिजवा दिया. बस फिर क्या था जेल से छूटने के बाद 8 फरवरी को विनोद यादव ने ब्रजनंदन यादव और उनके समर्थक सत्तो यादव की गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना के तुरंत बाद प्रतिशोध में ब्रजनंदन यादव के बेटे ने अमोद यादव की हत्या कर दी.

घटना के दिन विनोद यादव को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस पर भी विनोद यादव ने फायरिंग किया और बंदूकें लहराते फरार हो गया. हालांकि इस घटना के बाद पुलिस ने एफ आई आर की और करीब 4 दर्जन से ज्यादा लोगों को आरोपित किया. खानापूर्ति के लिये करीब ढाई दर्जन से अधिक की गिरफ्तारी हुई जिसमें कई महिलाएं भी शामिल हैं. लेकिन फरार मुख्य अभियुक्त विनोद यादव की बंदूकें गरजती रही. उसने ब्रजनंदन यादव के एक समर्थक का चिमनी पर रखे ट्रेक्टर समेत सभी सामानों को फूंक डाला. फिर मंगलवार की बीती रात को अपने आधा दर्जन हथियारबंद समर्थकों के साथ पूर्व सरपंच भरत यादव के पिता और भाई की हत्या कर आराम से फरार हो गया और खगड़िया पुलिस हाथ मलती रही.

हालांकि बेगूसराय के डी आई जी ने मानसी थाना के प्रभारी को निलंबित कर दिया है और एस पी मीनू कुमारी खुद विनोद यादव की गिरफ्तारी के लिये छापे मारी कर रही है. वहीं दहशत में जी रहे स्थानीय लोगों को कभी फरकिया के बाहुबलियों रामानंद यादव और अशोक यादव की याद सताने लगी है कि साइको किलर बने विनोद यादव की बंदूकें कब गरजेगी और किसकी जान ले लेगी. चुप्पी साधे लोग कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं तो पुलिस के मुखबिरों ने भी जान चले जाने के भय से पुलिस को जानकारी देने में कोताही कर रहे हैं. यानि सब कुछ भगवान भरोसे.

अशोक मिश्रा की रिपोर्ट