Bihar News : राज्यपाल से यूनिसेफ बिहार प्रमुख ने की मुलाकात, बच्चों के कल्याण को लेकर बिहार सरकार की जमकर की सराहना
पटना : बिहार के बच्चों के भविष्य के प्रति एक नई प्रतिबद्धता का संकेत देते हुए यूनिसेफ़ बिहार प्रमुख मार्गरेट ग्वाडा ने बुधवार को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान सुश्री ग्वाडा ने बच्चों और किशोरों के लिए बिहार सरकार की कई पहलों की सराहना की। साथ ही इस महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान राज्य भर में बच्चों और किशोरों के कल्याण एवं अधिकारों को बढ़ाने के प्रति unicef के साझा समर्पण को भी रेखांकित किया गया।
75 वर्षों से भारत और यूनिसेफ़ के बीच की साझेदारी आशा और प्रगति की एक मिसाल रही है। 1949 में यूनिसेफ़ की शुरुआत के बाद से इसे भारत की विकासात्मक और मानवीय यात्रा का एक अभिन्न अंग बना दिया गया है। बाल अधिकारों पर संधि के मार्गदर्शन में यूनिसेफ बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयास करता है। उनकी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने और उनकी असीम संभावनाओं को खोलने का प्रयास करता है।
बिहार जहां 46% आबादी 18 वर्ष से कम उम्र की है, (जो इसे भारत का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे युवा राज्य बनाता है), यहां यूनिसेफ़ की शुरुआत 1982 में की गई थी। तब से कई दशकों में बिहार सरकार के साथ मिलकर यूनिसेफ़ ने पोलियो ऑन व्हील्स, SMNet और बाल विवाह और बाल श्रम को समाप्त करने के लिए शक्तिशाली अभियानों जैसी परिवर्तनकारी पहलों की अगुवाई की है।
हाल की सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि बाल अनुकूल ग्राम पंचायतों का पायलट प्रोजेक्ट रहा है, जिसे अब बिहार के ग्रामीण विकास विभाग के साथ साझेदारी में पूर्णिया और कोसी प्रभागों की सभी ग्राम पंचायतों में विस्तारित किया जा रहा है।
यूनिसेफ़ ने लैंगिक मुद्दों से निपटने में बिहार के मुख्यमंत्री की दूरदर्शी पहलों की सराहना की। मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि योजना, वन स्टॉप सेंटर्स और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना जैसे कार्यक्रमों के द्वारा ना केवल महिलाओं और लड़कियों को सशक्त किया बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक भागीदारी में भी परिवर्तनकारी प्रभाव डाले हैं।
ये प्रयास बिहार की नेतृत्व क्षमता का प्रमाण हैं, जो अन्य राज्यों को प्रेरित करते हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने यूनिसेफ़ के साथ साझेदारी करके 22 जिलों में किशोरों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उड़ान कार्यक्रम शुरू किया है जिसे राज्यव्यापी स्तर पर बढ़ाना एक गेम चेंजर हो सकता है। बिहार की जनसंख्या लाभ का उपयोग करते हुए और युवाओं में निवेश करके, सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया जा सकता है।
यूनिसेफ़ अपने मिशन में अडिग है और बिहार सरकार के साथ मिलकर हर बच्चे के अधिकारों की रक्षा को लेकर काम कर रहा है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि वे न केवल जीवित रहें बल्कि पनपें, और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचें।