नवादा सदर अस्पताल में कुव्यवस्था! : हॉस्पिटल में शुद्ध पेयजल का अकाल, पानी के लिए तरस रहे हैं मरीज और तीमारदार, अस्पताल प्रबंधन बेपरवाह
NAWADA :बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय लगातार सूबे के अस्पतालों में मिल रही सुविधाओं का बखान करते नहीं थकते लेकिन राजधानी पटना से मात्र 100 किमी की दूरी पर स्थित नवादा के सदर अस्पताल की हालत खस्ता है। यहां मरीजों और उनके तीमरदारों को प्यास बुझाने के लिए पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। पानी के लिए मरीजों के परिजन लगातार भटक रहे हैं।
नवादा सदर अस्पताल में कुव्यवस्था!
दरअसल, नवादा सदर अस्पताल में वाटर कूलर में लगे नल टूट गए हैं, वहीं दूसरे नलों से पानी भी नहीं आ रहा है, जिससे सदर अस्पताल में इलाजरत मरीज और तीमारदार पानी के लिए भटक रहे हैं। वहीं, अस्पताल प्रबंधन इन सबसे बेपरवाह बना हुआ है। सदर अस्पताल में लगे वाटर कूलर और नल सिर्फ शो पीस बनकर रह गए हैं।
हॉस्पिटल में शुद्ध पेयजल का अकाल
ऐसा नहीं है कि पानी की किल्लत को लेकर अस्पताल प्रबंधन को पता नहीं है। सब कुछ जानते हुए भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा पानी की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। पिछले तीन दिनों से सदर अस्पताल में पानी की समस्या बरकरार है। जब किसी अस्पताल में इलाजरत मरीज को प्यास लगती है तो वह इन सूखे नलों को देखकर मायूस हो जाते हैं।
पानी के लिए तरस रहे हैं मरीज और तीमारदार
मरीजों को अपनी प्यास बुझाने के लिए अस्पताल के बाहर की दुकानों से बोतलबंद पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अस्पताल में इलाजरत मरीज और परिजनों का कहना है कि जिले के एक मात्र सदर अस्पताल का हाल बेहाल है। सरकार बेहतर इलाज और सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रही है लेकिन पानी तक मरीजों को उपलब्ध कराने में नाकाम है।
हालात यह है कि अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीज, तीमारदार और अस्पताल के स्टाफ को भी पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।