JHARKHAND NEWS : वक्फ कानून संशोधन बिल पर इरफान अंसारी की पहल, मुस्लिम अधिकार मंच ने मुख्यमंत्री से की विशेष ध्यान देने की अपील

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रांची : वक्फ कानून संशोधन बिल 2024 को लेकर झारखंड में मुस्लिम अधिकार मंच ने गंभीर चिंता व्यक्त की है.इस मुद्दे पर मंच ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को ज्ञापन सौंपते हुए राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.मंच ने बिल के संभावित प्रभावों को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के लिए हानिकारक बताया है और इसे पुनर्विचार के लिए केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने की अपील की है.

झारखंड को नजरअंदाज करने पर नाराजगी

मंच ने इस बात पर गहरा रोष प्रकट किया है कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC)ने वक्फ कानून से संबंधित बैठकों का आयोजन बिहार और पश्चिम बंगाल में तो किया,लेकिन झारखंड को इन बैठकों से पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया.इस उपेक्षा के कारण झारखंड के मुस्लिम समुदाय में गुस्सा व्याप्त है.मंच ने कहा कि वक्फ से जुड़े मुद्दे झारखंड के मुसलमानों के लिए भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने कि अन्य राज्यों के लिए,और उनकी अनदेखी करना अनुचित है.

राम मूर्ति सिंघ मुख्यमंत्री सचिव से हुई बातचीत

मंच ने इस मामले को सीधे मुख्यमंत्री के ध्यान में लाने के लिए मुख्यमंत्री के सचिव से भी संपर्क किया.उन्होंने सचिव से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दें और तुरंत कार्रवाई करें.मंच ने जोर देकर कहा कि झारखंड सरकार को केंद्र के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

इरफान अंसारी का आश्वासन

ज्ञापन सौंपने के दौरान,डॉ. इरफान अंसारी ने मंच के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि वे इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शीघ्र ही मुलाकात करेंगे.उन्होंने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के सामने उठाऊंगा और उनसे आग्रह करूंगा कि वे वक्फ कानून संशोधन बिल पर झारखंड की स्थिति को केंद्र के समक्ष रखकर तत्काल बैठक बुलाएं."

डॉ. अंसारी ने मंच को भरोसा दिलाया कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से हर संभव कदम उठाएंगे.उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार किसी भी स्थिति में अपने नागरिकों के अधिकारों की अनदेखी नहीं करेगी,खासकर जब यह उनके धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की बात हो.

मंच की अपील

मुस्लिम अधिकार मंच के राष्ट्रीय महासचिव आजम अहमद,कार्यकारी उपाध्यक्ष मोहम्मद मुरतजा आलम,केंद्रीय प्रवक्ता जुबेर अहमद,और केंद्रीय अध्यक्ष अफसर इमाम ने इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर हल करे और केंद्र सरकार को उचित सिफारिशें भेजे.

मंच ने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की धरोहर हैं और उनकी रक्षा करना न केवल सरकार का कर्तव्य है बल्कि यह समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को भी बनाए रखने का सवाल है.उन्होंने कहा कि अगर इस बिल को बिना संशोधन के लागू किया गया,तो यह मुसलमानों के लिए एक बड़ा झटका होगा.

मुस्लिम अधिकार मंच ने स्पष्ट कर दिया है कि वह वक्फ कानून संशोधन बिल के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा और राज्य सरकार से उम्मीद करता है कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर केंद्र के समक्ष अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी.डॉ. इरफान अंसारी द्वारा दिए गए आश्वासन ने मंच को कुछ हद तक संतोष दिया है,लेकिन वे अभी भी सरकार की ठोस कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

रांची से नैयर की रिपोर्ट--