JHARKHAND NEWS : झारखंड के 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का राज्य स्तरीय टीम 23 और 24 दिसंबर को करेगी निरीक्षण

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रांची : झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तत्वावधान में राज्य में संचालित सभी 80 सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस और 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों के निरंतर विकास हेतु स्कोर कार्ड बनाया जा रहा है. इसके अंतर्गत पहले विद्यालय स्तर पर लेवल 1 में और फिर जिला स्तर पर लेवल 2 में विद्यालयों का 9 मापदंडों में मूल्यांकन किया जाना था.

जिला स्तर पर मूल्यांकन संपन्न होने के बाद अब राज्य स्तरीय टीम द्वारा लेवल 3 में विद्यालयवार स्कोर कार्ड का स्थलीय निरीक्षण एवं विद्यालयों का अवलोकन करते हुए स्कोर कार्ड के प्रमाणीकरण का कार्य किया जाएगा. इसके लिए राज्य स्तरीय टीम का गठन किया गया है, जो प्रथम चरण में राज्य के 80 सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस का दिनांक 23 दिसंबर, 2024 और दिनांक 24 दिसंबर, 2024 को निरीक्षण करेगी. प्रत्येक जिले में विद्यालयों के निरीक्षण के लिए 13 स्कूल मैनेजर्स एवं राज्य शिक्षा परियोजना पदाधिकारियों को मिलाकर कुल 24 सदस्यीय टीम बनाई गयी है.

स्कूल स्कोर कार्ड के प्रमाणीकरण का कार्य पूरी ईमानदारी,निष्पक्ष्ता एवं शुद्धता से करे : विभागीय सचिव

राज्य स्तरीय टीम के साथ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव उमाशंकर सिंह ने बैठक कर पदाधिकारियों को विद्यालयों के स्कोर कार्ड के प्रमाणीकरण को पूरी ईमानदारी,निष्पक्षता और शुद्धता से करने का निर्देश दिया. विभागीय सचिव ने कहा कि स्कोर कार्ड विद्यालय का दर्पण है,बेहतर स्कोर प्राप्त करने वाले विद्यालय समाज के लिए प्रेरणास्रोत होंगे. ऐसे में पूरी निष्पक्षता और विवेकशीलता से विद्यालयों का मूल्यांकन सुनिश्चित कराये. विद्यालयों के निरिक्षण के दौरान स्कूल द्वारा किये जा रहे प्रत्येक कार्यो का ध्यानपूर्वक अवलोकन करे,इसके बाद ही विद्यालयों को गोल्ड,सिल्वर और ब्रोंज के लिए प्रामाणित करे.

9 मापदंडों के आधार पर होगा विद्यालयों का प्रामाणिकरण

राज्य में संचालित 80 सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस और 325 आदर्श विद्यालयों का नौ मापदंडो के आधार पर प्रमाणीकरण होगा. विद्यालयों को 600 एवं 400 अंकों के दो प्रमुख वर्गों को मिलाकर 1000 अंकों के कुल 9 मापदंडों में अधिक अंक लाना होगा. तभी उन्हें गोल्ड,सिल्वर और ब्रोंज सर्टिफिकेट मिलेगा. जिन 9 सूचकांकों के आधार पर विद्यालयों का वर्गीकरण होगा उनमें कक्षा मूल्यांकन,स्कूल प्रक्रियाओं,शिक्षक एवं पठन पाठन,सक्रिय कक्षा वातावरण,विद्यार्थी और शिक्षा की गुणवत्ता,स्कूल सुरक्षा और बुनियादी ढांचा,समुदाय आधारित हस्तक्षेप,पोषण,स्वास्थ्य और स्वच्छता व स्कूल प्रशासन एवं प्रबंधन जैसे मापदंड शामिल है.

जनवरी,2025 में होगा विद्यालयों का सम्मान

राज्य स्तरीय टीम द्वारा अवलोकन एवं निरीक्षण के बाद टीम स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के समक्ष निरीक्षण प्रतिवेदन देगी. साथ ही टीम को अपने द्वारा किये गए मूल्यांकन का विवरण भी साक्ष्यों के साथ देना होगा. उक्त समीक्षा की अध्यक्षता स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव एवं राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक करेंगे. समीक्षोपरांत यह निर्णय लिया जाएगा कि किस विद्यालय को किस श्रेणी में वर्गीकृत करना है. वर्गीकरण की प्रक्रिया दिसंबर,2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. जनवरी 2025 में वर्गीकृत विद्यालयों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाएगा. बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को उच्च गुणवत्ता आधारित बुनियादी ढांचा और शिक्षक नियुक्ति विषयों में भी वरीयता मिलेगी.

क्या है स्कूल स्कोर कार्ड?

स्कूल स्कोर कार्ड एक व्यापक मूल्यांकन कार्यक्रम है,जो स्कूलों का मूल्यांकन विभिन्न प्रमुख मापदंडों के आधार पर करता है. इसमें मुख्य रूप से सकारात्मक शिक्षण वातावरण एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके अतिरिक्त,यह बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता,रखरखाव और अन्य आवश्यक कारकों का भी मूल्यांकन करता है,जिससे प्रत्येक स्कूलों में छात्रों के समग्र विकास का समय समय पर आकलन किया जा सके. इसके तहत चयनित विद्यालयों का तीन चरणों में मूल्यांकन होता है,जिसमे विद्यालय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक शामिल है. स्कोर कार्ड के आधार पर विद्यालयों को स्वर्ण,रजत और कांस्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है. इससे ना केवल विद्यालयों के शैक्षणिक वातावरण में सकारात्मक बदलाव को सुनिश्चित किया जाता है,बल्कि अनुशासनात्मक एवं प्रशासनिक विकास भी होता है. विद्यालयों के बीच इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिलता है.

रांची से सीनियर रिपोर्टर संतोष कुमार की रिपोर्ट---