केके पाठक के आगे बीजेपी बेबस : कांग्रेस ने पूछे तीखे सवाल, कहा : राज्यपाल के अपमान पर चुप्पी क्यों, किसके इशारे पर हो रहा खेल

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Congress cornered BJP regarding KK Pathak Congress cornered BJP regarding KK Pathak

PATNA :बिहार में शैक्षणिक गतिविधियों में लगातार तुगलकी फरमान जारी करने वाले शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक के हालिया कृत्य, जिसमें उन्होंने देश के इतिहास में पहली बार राज्यपाल को 30 मिनट तक इंतजार कराने के बावजूद मिलने नहीं आने पर बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौर ने उन्हें आड़े हाथों लिया है।

"केके पाठक के आगे बेबस बीजेपी"

उन्होंने कहा है कि बिहार की जनता यह सोचने को विवश हो चुकी है कि आखिर एक अधिकारी किसके इशारे पर यूं गैर संवैधानिक हरकत कर रहा है? हालिया घटनाक्रम में राज्यपाल के बुलावे को दरकिनार करके उक्त अधिकारी ने संविधान सहित बिहार का अपमान किया है। इस अधिकारी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वरदहस्त प्राप्त है और उनके इशारे पर ही पहले शिक्षकों को प्रताड़ित किया गया और फिर अपमानित किया गया जबकि अब राज्यपाल को भी अपमानित करने का कृत्य किया जा रहा है।

कांग्रेस ने पूछे तीखे सवाल

बिहार कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि पहले शिक्षा सचिव के बुलावे पर कुलपति नहीं जाते हैं और अब राज्यपाल के बुलावे पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव नहीं जा रहे हैं, जो यह बताने को काफी है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरीके से चौपट हो चुकी है और यह सब नीतीश कुमार के सरकार में प्रायोजित तरीके से चल रही है।

उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बेवजह के मुद्दों पर लगातार बयानबाजी करने वाले भाजपा के दोनों उप मुख्यमंत्री ऐसे मुद्दों पर क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से डर कर चुप हो जाते हैं? यही भाजपा जब विपक्ष में थी तो अधिकारियों के ऐसे कृत्यों पर हल्ला मचाती थी लेकिन आज जब बिहार के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल को एक अधिकारी द्वारा अपमानित किया जा रहा है तो इसपर भाजपा नेता चुप्पी क्यों साध ले रहे हैं?

राज्यपाल को अपने पद की गरिमा बचाने के लिए क्या इस्तीफा देना होगा, तभी नीतीश कुमार अपनी कार्यशैली बदलेंगे या उपमुख्यमंत्री द्व्य सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा अपना मौन तोड़ेंगे?


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