Bihar : स्वास्थ्य कर्मियों की मेहनत से बदल रहा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का परिदृश्य, राज्य में 10 हजार से ज्यादा एचडब्ल्यूसी संचालित

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 The scenario of primary health services is changing due to the hard work of health workers.  The scenario of primary health services is changing due to the hard work of health workers.

PATNA :राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और समुदाय के करीब लाने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्लूसी) की स्थापना ने एक नया आयाम जोड़ा है। वर्तमान में राज्य में 10,323 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित हैं, जिनका उद्देश्य व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और समुदाय को स्वस्थ जीवन के लिए प्रेरित करना है।

इन सेंटरों पर 12 प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं और 151 प्रकार की आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही, 6,744 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर जन आरोग्य समितियों का गठन किया गया है, जो सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार सुनिश्चित करने का कार्य करती हैं।

इन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में एनक्यूएएस प्रमाणीकरण की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स) के तहत, स्वास्थ्य संस्थानों की सेवाओं का उच्चतम मानकों के आधार पर आकलन किया जाता है। फिलहाल राज्य में 20 राष्ट्रीय एवं 26 राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणित संस्थान हैं।

एनक्यूएएस प्रमाणीकरण एचडब्लूसी के प्रभावी संचालन और समुदाय को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। यह गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर लोगों के विश्वास को मजबूत करता है। ऐसे प्रयासों से राज्य में बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का नया अध्याय लिखा जा रहा है।

स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका:

स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय तक पहुंचाने में स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। वे न केवल सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करते हैं, बल्कि चुनौतियों का सामना करते हुए सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में भी अपनी भूमिका निभाते हैं।

केस स्टडीज

केस 1: लालगंज, वैशाली— सुप्रिया कुमारी की पहल से बदलाव

वैशाली जिले के लालगंज ब्लॉक स्थित धनुषी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ सुप्रिया कुमारी ने अपनी दूरदर्शिता और मेहनत से केंद्र को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट (एनक्यूएएस) दिलाने में सफलता पाई।

सुप्रिया ने सेंटर के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए शुरुआत अपने स्तर से की। उन्होंने अपने खर्च पर पर्दे, कुर्सी, और मेज की व्यवस्था की। इसके बाद उन्होंने समुदाय को साथ जोड़ते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से सहयोग लिया, जिससे सड़क निर्माण जैसी महत्वपूर्ण समस्याएं हल हुईं।

सुप्रिया कहती हैं- "जब मैंने सेंटर जॉइन किया तो बुनियादी सुविधाओं की कमी थी। यह देख मैंने सबसे पहले सेंटर को व्यवस्थित करना शुरू किया। मैंने महसूस किया कि जब तक हेल्थ सेंटर को मरीजों के लिए साफ-सुथरा और सुविधाजनक नहीं बनाएंगे, तब तक वे यहां आना पसंद नहीं करेंगे। मैं मरीजों के फीडबैक पर काम करती हूं और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास करती हूं। एनक्यूएएस सर्टिफिकेट केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि समुदाय की मेहनत और समर्थन का परिणाम है।"

केस 2: सारण, मकेर— वंदना बेनीवाल का उत्कृष्ट नेतृत्व

सारण जिले के मकेर प्रखंड स्थित फुलवरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ वंदना बेनीवाल ने न केवल केंद्र को एनक्यूएएस प्रमाणित करवाया, बल्कि अपने कार्यों से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। एनसीडी (नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज) स्क्रीनिंग के लिए उन्हें पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

वंदना कहती हैं- "जब मैंने इस सेंटर की जिम्मेदारी संभाली, तब यहां मरीजों की संख्या कम थी। मैंने सोचा कि अगर हम गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देंगे, तो लोग खुद-ब-खुद जुड़ेंगे। मैंने टीम के साथ मिलकर हर महीने नियमित एनसीडी स्क्रीनिंग शुरू की। हमने गांवों में शिविर लगाए, जिससे न केवल बीमारी का जल्द पता चला, बल्कि लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। हमारी मेहनत का नतीजा है कि अब यह केंद्र कायाकल्प रैंकिंग में भी शीर्ष पर है।"

केस 3: डोभी, गया— अंकिता कुमारी की नई शुरुआत

डोभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत कुरमांवा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ अंकिता कुमारी ने अपने प्रयासों से पिछले दो वर्षों में यहां के बुनियादी ढांचे और ओपीडी सेवाओं को सुदृढ़ किया। उन्होंने इसे एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के लिए तैयार किया और कायाकल्प सर्टिफिकेशन के लिए आंतरिक मूल्यांकन भी करवाया।

अंकिता कहती हैं- "हमारे सेंटर पर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, और यह हमारी सेवाओं की गुणवत्ता को दर्शाता है। मैंने शुरू से ही कोशिश की कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को एक मॉडल सेंटर बनाया जाए। हर हफ्ते मरीजों की समस्याओं और उनकी जरूरतों को समझने के लिए बैठकें करती हूं। इसके अलावा, जब भी किसी वस्तु की कमी होती है, तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से सिविल सर्जन कार्यालय तक अपनी बात पहुंचाती हूं। मेरा मानना है कि जब सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी, तो लोगों का भरोसा खुद-ब-खुद बढ़ेगा।"

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा दे रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत और नवाचार ने इन केंद्रों को केवल इलाज का माध्यम नहीं, बल्कि सामुदायिक जागरूकता और सुधार का स्तंभ बना दिया है। इन प्रयासों से न केवल सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा भी व्यापक हुआ है।

(पटना से नीलकमल की रिपोर्ट)